भारत और क्यूबा जैव प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा और परंपरागत मेडिकल क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुये हैं. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज कैनेल के बीच हुई बातचीत में द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने पर सहमति बनी.
इस दौरान क्यूबा ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सदस्यता दिये जाने की उम्मीदवारी का समर्थन दोहराया. राष्ट्रपति ने इस दौरान ‘भारत और वैश्विक दक्षिण’ पर हवाना विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित भी किया. राष्ट्रपति कोविंद ने भारत और क्यूबा के मिलकर वैश्विक संचालन ढांचे में विकासशील देशों को अधिक महत्व दिये जाने के लिये काम करने पर जोर दिया.
द्विपक्षीय समझौतों पर भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तथा क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज कैनेल द्वारा हवाना में हस्ताक्षर किये गये. राष्ट्रपति कोविंद के साथ गये प्रतिनिधिमंडल में स्टील राज्य मंत्री देव साई एवं अन्य दो सांसद भी मौजूद थे.
नोट |
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ग्रीस, सूरीनाम एवं क्यूबा के तीन देशों की यात्रा पर थे. क्यूबा से पूर्व कोविंद ने ग्रीस एवं सूरीनाम का दौरा किया तथा उन देशों के सम्बंधित प्रतिनिधियों से द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत की. |
राष्ट्रपति कोविंद द्वारा क्यूबा दौरे के स्मरणीय तथ्य
• दोनों देशों ने बायोटेक्नोलॉजी, नवीकरणीय ऊर्जा और परंपरागत मेडिकल क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति दर्ज की.
• भारत और क्यूबा के स्वास्थ्य मंत्रालयों ने दोनों देशों के बीच पारंपरिक एवं होमियोपैथी हेतु सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये.
• दोनों देशों के विज्ञान एवं प्रोदयोगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये.
• क्यूबा ने भारत की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के दावे का भी समर्थन किया.
भारत-क्यूबा संबंध
भारत और क्यूबा के मध्य मजबूत, सौहार्दपूर्ण एवं मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं. भारत और क्यूबा के मध्य वर्ष 1959 से उस समय से ऐतिहासिक संबंध हैं जब गोरिल्ला युद्ध के दौरान अर्नेस्टो गुवेरा दिल्ली की यात्रा पर आये थे.
दोनों देश गुट निरपेक्ष आंदोलन के संस्थापक देश थे तथा दक्षिण-दक्षिण एकजुटता के पक्ष में थे. भारत और क्यूबा ने संयुक्त राष्ट्र और अन्य अन्तराष्ट्रीय मंचों पर एक-दूसरे का सहयोग किया है.
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