भारत ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में चीन से लगी सीमा के पास किसी भी परिस्थिती से निपटने के लिए एडवांस रॉकेट लॉन्चर पिनाका और स्मर्च की तैनाती कर दी है. पिनाका बहुत घातक हथियार है इसका नाम भगवान शिव के धनुष पिनाक के नाम पर रखा गया है.
पिनाका और स्मर्च मल्टी रॉकेट लॉन्चर सिस्टम विभिन्न प्रकार के गोला-बारूद को फायर करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. स्मर्च लॉन्चर भी भारतीय तोपखाने में एक बहुत ही शक्तिशाली हथियार है. भारतीय सेना ने 22 अक्टूबर 2021 को असम में भगवान शिव के धनुष पिनाक के नाम पर बनाए गए पिनाक मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर और समर्च मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम का प्रदर्शन किया.
#WATCH Indian Army displays Pinaka & Smerch multiple rocket launcher systems in Assam pic.twitter.com/6FkiRHbApb
— ANI (@ANI) October 22, 2021
सीमा रेखा पर तनाव बरकरार
पिछले कुछ समय से चीन की तरफ से सीमा रेखा पर तनाव बरकरार है. भारतीय सेना सीमा पर चीनी सैनिकों के दांत खट्टे करने के लिए तैयार खड़ी है और निरंतर अभ्यास का दौर भी जारी है. 21 अक्टूबर को भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग में अभ्यास (Indian Army Battle drill in Tawang) किया.
जोरदार सैन्य अभ्यास
अरुणाचल प्रदेश के तवांग में सीमा रेखा के पास 21 अक्टूबर 2021 को हुए इस अभ्यास में भारतीय सेना के जवानों को यहां कि उबड़-खाबड़ भौगोलिक स्थितियों, खराब जलवायु के बीच आक्रामक प्रशिक्षण, जोरदार सैन्य अभ्यास और मेडिटेशन का अभ्यास कराया गया.
इस अभ्यास का उद्देश्य
इस अभ्यास का उद्देश्य चीन की ओर से होने वाली किसी भी हरकत का उचित तरीके से जवाब देना है. भारतीय सेना के वरिष्ट अधिकारियों ने तवांग में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के सास अपने साथी सैनिकों को जबरदस्त अभ्यास कराया. सैनिकों को यहां बैटल ड्रिल में दुश्मन के टैंक को नेस्तनाबूद करने के अभ्यास सिखाए गए.
पिनाका: एक नजर में
पिनाका मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम (एमएलआरएस) को डीआरडीओ द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया है. पिनाका रॉकेट सिस्टम 45 किलोमीटर तक की दूरी पर स्थित लक्ष्य को भेदने के साथ 44 सेकेंड में 12 रॉकेट दाग सकता है. इसे नजदीक से युद्ध होने से पहले दुश्मन को टारगेट करने के लिए यूज किया जाता है.
इससे छोटी रेंज की आर्टिलरी, इन्फैंट्री और हथियारबंद वाहनों को निशाना बनाया जाता है. यह समुद्र तल से 38 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेद सकती है. ऊंचाई पर इसकी मारक क्षमता और कारगर हो जाती है. इसकी तैनाती से सेना की स्ट्राइक क्षमता में काफी बढ़ोतरी हुई है. गौरतलब है कि चीन की तरफ से लद्दाख में गलवान घाटी में सीमा का उल्लंघन किया गया था, जिसके बाद से लगातार हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं.
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