भारत को मिली बड़ी सफलता, निमोनिया की स्वदेशी वैक्सीन तैयार

Jul 17, 2020, 10:49 IST

डीजीसीआई ने आंकड़ों की समीक्षा की और इसके बाद 'न्यूमोकोकल पॉलीस्काराइड कॉजुगेट टीके' को बाजार में उतारने की अनुमति दे दी.

India First Fully Indigenously Developed Vaccine against Pneumonia Gets DCGI Approval in Hindi
India First Fully Indigenously Developed Vaccine against Pneumonia Gets DCGI Approval in Hindi

भारत में पूर्ण रूप से तैयार निमोनिया की वैक्सीन को उत्पादन की अनुमति मिल गई है. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को जानकारी दी है कि देश में निमोनिया का एक टीका विकसित किया गया है. खास बात है कि इस वैक्‍सीन का पूरा डेवलपमेंट हमारे देश में ही किया गया है.

मंत्रालय ने कहा कि पूरी तरह से देश में विकसित निमोनिया के इस पहले टीके को भारत के औषधि महानियंत्रक (DGCI) से भी मंजूरी मिल गयी है. पुणे की कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने क्लिनिकल ट्रायल के पहले, दूसरे और तीसरे चरण के आंकड़े विशेष विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की मदद से डीसीजीआई को उपलब्‍ध कराए थे.

बाजार में उतारने की अनुमति

डीजीसीआई ने आंकड़ों की समीक्षा की और इसके बाद 'न्यूमोकोकल पॉलीस्काराइड कॉजुगेट टीके' को बाजार में उतारने की अनुमति दे दी.

यह टीका कैसे लगेगा

यह टीका इंजेक्शन की मदद से लगेगा. यह टीका इंट्रामस्कुलर यानी पेशियों में लगाए जाने वाला है. मंत्रालय ने बताया कि इस टीके का उपयोग निमोनिया से बचाव हेतु बड़े पैमाने पर किया जाएगा. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने डीसीजीआई से टीके के पहले, दूसरे और तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल भारत में करने की मंजूरी ली. इसका ट्रायल गाम्बिया में भी हुआ है.

भारत को लाइसेंस पहली बार मिला

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार, निमोनिया के क्षेत्र में यह पहला स्वदेशी रूप से विकसित वैक्सीन है. इससे पहले इस तरह के टीके की मांग काफी हद तक पूरी हुई थी, लेकिन विदेशी कंपनियों ने ही वैक्सीन बनाई थी. देश में लाइसेंस प्राप्त कंपनी द्वारा ऐसा पहली बार हुआ है.

यह दवा कैसे काम करती है?

यह वैक्सीन फेफड़ों की सूजन बढ़ाने वाली स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया जीवाणु से लड़ने हेतु शरीर को ताकत देती है. यह आमतौर पर बच्चों को 2, 4, 6 और 12 से 15 साल की उम्र में लगाया जाता है.

निमोनिया क्या है?

निमोनिया सांस से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है, जिसमें फेफड़ों (लंग्स) में इन्फेक्शन हो जाता है. निमोनिया होने पर फेफड़ों में सूजन आ जाती है और कई बार पानी भी भर जाता है.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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