वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन से भारतीय अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी और चालू वित्त वर्ष 2017-18 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी.
विश्व बैंक की दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्था पर रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है. नोटबंदी से भारतीय अर्थव्यवस्था को मामूली झटका लगा है. विश्व बैंक का कहना है कि वर्ष 2018-19 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर और बढ़कर 7.5 प्रतिशत हो जाएगी.
रिपोर्ट में बताया गया है कि नोटबंदी से छोटी और अनौपचारिक अर्थव्यवस्था पर असर, वित्तीय क्षेत्र पर दबाव तथा वैश्विक वातावरण में अनिश्चितता से आर्थिक वृद्धि को 'उल्लेखनीय जोखिम' का सामना करना पड़ सकता है.
विश्व बैंक की दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्था पर रिपोर्ट में कहा गया है कि नोटबंदी से भारत की अर्थव्यवस्था पर मामूली झटका लगा है. साथ ही विश्व बैंक की ओर से कहा गया है कि वस्तु और सेवा कर यानि जीएसटी के लागू होने के बाद भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी देखने को मिलेगी.
इसमें कहा गया है कि कच्चे तेल और अन्य चीजों की कीमतों में तेज वृद्धि का भी अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
विश्व बैंक ने कहा कि निवेश कम रहने तथा नोटबंदी के प्रभाव आदि की वजह से वर्ष 2016-17 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रहेगी, लेकिन वर्ष 2017-18 में यह बढ़कर 7.2 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी.
इसमें बताया गया है कि समय पर और सुगम तरीके से जीएसटी के क्रियान्वयन से वर्ष 2017-18 में आर्थिक गतिविधियों को उल्लेखनीय लाभ मिल सकता है.
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2019-20 में आर्थिक वृद्धि दर मामूली और बढ़कर 7.7 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी.
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