भारत ने चीन में अपना दूसरा आईटी कॉरिडोर आरंभ किया

May 28, 2018, 10:04 IST

इस कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह के दौरान छह मिलियन अमेरिकी डॉलर के सहमति पत्रों पर भी हस्ताक्षर हुए. इस आईटी कॉरिडोर का नाम, डिजिटल संयुक्त अवसर प्लाज़ा प्लेटफार्म (SIDCOP) है.

India launches its second IT corridor in China
India launches its second IT corridor in China

भारत ने देश की बढ़ती सॉफ्टवेयर मार्केट का लाभ लेने हेतु 27 मई 2018 को चीन में दूसरा आईटी कॉरिडोर आरंभ किया.

इस आईटी कॉरिडोर का नाम, डिजिटल संयुक्त अवसर प्लाज़ा प्लेटफार्म (SIDCOP) है. इसकी स्थापना चीन के गुइयांग शहर में नेशनल एसोसिएशन ऑफ़ सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज कम्पनीज़ (NASSCOM) द्वारा की गई है.

उद्देश्य: इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय आईटी कम्पनियों को वृहद चीनी बाज़ार में सहज पहुंच दिलवाना है.

प्रमुख तथ्य

•    इस कॉरिडोर के उद्घाटन समारोह के दौरान छह मिलियन अमेरिकी डॉलर के सहमति पत्रों पर भी हस्ताक्षर हुए. इस समझौते पर भारतीय सेवा प्रदाताओं एव चीनी उपभोक्ताओं की ओर से चीन के गुइयांग के नगर निगम द्वारा हस्ताक्षर किये गये.

•    SIDCOP का जुलाई 2019 में आरंभ किया जायेगा. अभी इसे बतौर पायलट प्रोजेक्ट आरंभ किया गया है.

•    नैसकॉम ने पहला SIDCOP प्लेटफॉर्म चीन के बंदरगाह शहर डालिआन में दिसंबर 2017 में आरंभ किया था. यह चीन में भारत का पहला आईटी हब है.

•    डालिआन आईटी कॉरिडोर का शुभारंभ औपचारिक रूप से कुछ समय पूर्व ही किया गया है.

•    डालिआन कॉरिडोर का फोकस आईओटी (इन्टरनेट ऑफ़ थिंग्स) था, जबकि गुइयांग में कॉरिडोर का फोकस विशाल मात्र में आने वाले डाटा पर होगा.

•    इस लॉन्च कार्यक्रम में भारत और चीन की ओर से 350 से अधिक भागीदारों ने भाग लिया.

•    इस पहल को चीन के अन्य शहरों में भी ले जाया जायेगा.

महत्व

इस पहल से भारतीय सॉफ्टवेयर कम्पनियां तथा चीनी हार्डवेयर कम्पनियां साथ मिलकर काम कर सकेंगी. इसके अलावा दोनों देशों में ऑटोमेशन, आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (एआई) एवं अन्य उभरते आईटी क्षेत्रों को बढ़ावा मिल सकेगा. इससे चीनी कम्पनियों की आवश्यकताओं की भारतीय आईटी सर्विस प्रदाताओं द्वारा पूर्ति हो सकेगी.



पृष्ठभूमि

•    चीन में भारत की आईटी कम्पनियों की बड़ी मात्रा में मौजूदगी है. इसमें डालियन में बनाए गये आईटी कॉरिडोर से छोटी एवं मध्यम भारतीय आईटी कम्पनियों को बढ़ावा मिल सकेगा.

•    भारत के लिए, चीन के आईटी बाज़ार में पहुंच बनाना बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि चीन का आईटी बाज़ार लगभग 493 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है. इसमें विकास के अभी और आसार हैं.

•    भारत कई वर्षों से चीन में भारतीय फार्मा कम्पनियों एवं आईटी कम्पनियों की पहुंच बनाने के लिए आग्रह करता रहा है ताकि दोनों देशों के बीच का व्यापार घाटा कम किया जा सके.

•    चीन के 10 शहरों में भारत की विभिन्न आईटी कम्पनियां कार्यरत हैं जिनमें लगभग 25,000 लोग कार्यरत हैं.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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