भारतीय और नेपाल के सैनिकों में आपसी सैन्य समन्वय स्थापित करने के लिए भारत-नेपाल संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास सूर्य किरण-XIII का आयोजन 30 मई से 12 जून तक उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में किया जा रहा है.
इस युद्धाभ्यास में लगभग 300 भारतीय सैनिक एवं नेपाली सैनिक भाग ले रहे हैं. इस दौरान दोनों देशों की सेनाएं विगत में आयोजित विभिन्न काउन्टर इंसर्जेन्सी एवं आतंकवाद विरोधी अभियानों के अनुरूप अपने-अपने अनुभवों को साझा करेंगी.
सूर्य किरण सैन्य अभ्यास |
सूर्य किरण एक छमाही सैन्य संयुक्त युद्धाभ्यास है जो बारी-बारी से भारत एवं नेपाल में आयोजित किया जाता है. भारतीय सेना द्वारा विभिन्न देशों के साथ आयोजित होने वाले सैन्य युद्धाभ्यासों के अपेक्षा नेपाल के साथ आयोजित होने वाला सूर्य किरण युद्धाभ्यास, इसमें भाग लेने वाले सैनिकों की संख्या के लिहाज से सबसे बड़ा है. इस सैन्य युद्धाभ्यास का मुख्य उद्देश्य नेपाल तथा भारतीय सैनिकों में आपसी सैन्य समन्वय स्थापित करने के साथ-साथ दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियानों में सफल संचालन के लिए दोनों देशों की सेना के बीच समन्वय विकास स्थापित करना है. |
सूर्य किरण-XIII की विशेषताएं
• सूर्य किरण-XIII में आपदा प्रबन्धन सहित राहत एवं बचाव के महत्वपूर्ण पहलुओं पर जोर दिया जायेगा.
• इस प्रकार के संयुक्त सैन्य अभ्यासों से दोनों देशों के बीच रक्षा समन्वय के साथ-साथ द्विपक्षीय संबंधों को बनाने में भी मदद मिलेगी.
• इसमें आतंकवाद विरोधी और जंगलों में होने वाले अभियान पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा.
• प्राकृतिक आपदा की स्थिति में दोनों देशों के सैनिक मिलकर एक-दूसरे देश के नागरिकों की सहायता कर सकें, इसके लिए भी विशेष प्रशिक्षण दिया जायेगा.
• सूर्यकिरण-XIII के आयोजन के दौरान दोनों देशों की सेनाएं एक-दूसरे के लड़ाकू उपकरणों, हथियारों, योजनाओं एवं रणनीतियों, विशेष तकनीकों, दुर्गम क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने से परिचित होंगे.
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