रूस में सितंबर 2018 में होने वाले बहु-राष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में पहली बार भारत और पाकिस्तान एक साथ हिस्सा लेंगे. आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम लगाने के मकसद से आयोजित इस सैन्य अभ्यास में चीन और कई अन्य देश भी शामिल होंगे.
सैन्य अभ्यास से संबंधित मुख्य तथ्य:
• यह सैन्य अभ्यास शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की रूपरेखा के तहत किया जाएगा. सुरक्षा समूह की इस संस्था पर चीन का प्रभुत्व है जिसे अब नाटो की बराबरी कर सकने वाली संस्था के तौर पर देखा जा रहा है.
• यह अभ्यास रूस के उराल पर्वत क्षेत्र पर आयोजित किया जाएगा और एससीओ के लगभग सभी सदस्य इसका हिस्सा बनेंगे.
• शांति मिशन के इस अभ्यास का मुख्य मकसद एससीओ के आठ सदस्य देशों के बीच आतंकवाद से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाना है. इसे 'पीस मिशन 2018' भी कहा जा रहा है.
• आजादी के बाद पहली बार भारत और पाकिस्तान दोनों एक ही सैन्य अभ्यास का हिस्सा होंगे. हालांकि दोनों देशों की सेनाओं ने संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षा मिशन में साथ काम किया है.
• इस बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में चीन और भारत के बीच भी द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास भी होगा. यह अभ्यास पिछले साल 2 महीने से ज्यादा चले डोकलाम विवाद के कारण टाल दिया गया था.
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शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की स्थापना:
• रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाखस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने वर्ष 2001 में शंघाई में एक शिखर सम्मेलन में एससीओ की स्थापना की थी.
• भारत और पाकिस्तान को वर्ष 2005 में इस समूह के पर्यवेक्षकों के तौर पर शामिल किया गया था. वर्ष 2017 में दोनों देशों को पूर्ण सदस्य बनाया गया.
• भारत को सदस्य बनाने के लिए रूस ने और पाकिस्तान को सदस्य बनाने के लिए चीन ने मजबूती से पक्ष रखा था.
भारत-पाकिस्तान सम्बन्ध:
भारत और पाकिस्तान में संबंध हमेशा से ही ऐतिहासिक और राजनैतिक मुद्दों कि वजह से तनाव में रहे हैं. इन देशों में इस रिश्ते का मूल वजह भारत के विभाजन को देखा जाता है. इन देशों में तनाव मौजूद है जबकि दोनों ही देश एक दूजे के इतिहास, सभ्यता, भूगोल और अर्थव्यवस्था से जुड़े हुए हैं.
भारत और पाकिस्तान के संबंधों की पृष्ठभूमि भावनात्मक लगाव एवं अप्रत्यक्ष घटनाओं का इतिहास है. निकटतम पड़ोसी होने के बावजूद पाकिस्तान अपनी भारत-विरोधी एवं विधटनकारी नीतियों के कारण भारत से लगातार दूर होता गया. भारत-पाक संबंध बहुत नाजुक रहे हैं. कोई छोटी-सी घटना भी संबंधों के सुधरने की राह रोक सकती है.
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