भारत ने 26 जुलाई 2016 को अमेरिकी रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र की कंपनी बोइंग के साथ लंबी दूरी तक समुद्री निगरानी करने में सक्षम और पनडुब्बी रोधी युद्धक चार अतिरिक्त विमान 'पोसाइडन-8I' की खरीद हेतु एक अरब डॉलर से अधिक के सौदे पर हस्ताक्षर किए.
अनुबंध के बारे में-
यह अनुबंध भारत द्वारा कंपनी से 2.1 अरब डॉलर की लागत से पहले ही खरीदे गए आठ पी-8I विमान के अतिरिक्त है.
अनुबंध पर हस्ताक्षर खरीद मामलों पर अमेरिका के अवर रक्षा सचिव फ्रैंक केंडल की यात्रा के दौरान किया गया.
इसे बढ़ते भारत-अमेरिकी रक्षा संबंधों के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है.
भारत ने पिछले साल विदेश सैन्य बिक्री मार्ग के जरिये तीन अरब डॉलर की लागत से 22 अपाचे और 15 चिनूक हेलिकॉप्टरों की खरीद के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किया था.
इस नए सौदे के साथ पिछले एक दशक में अमेरिका के साथ हस्ताक्षरित रक्षा सौदों का कुल मूल्य तकरीबन 15 अरब डॉलर बैठता है.
भारत अमेरिका से 145 एम 777 हल्के हॉवित्जर हासिल करने के सौदे पर भी काम कर रहा है.
अतिरिक्त 'पी-8I' खरीदने से भारतीय नौसेना मजबूत होगी.
विमान के बारे में-
इस विमान को खरीदने का मकसद हिंद महासागर में चीन की गतिविधियों की निगरानी करना है.
विमानों का यह बेड़ा सोवियत युग के टीयू-142 विमानों की जगह लेगा.
खतरनाक हारपून मिसाइल, हल्के टॉरपीडो, रॉकेट समेत अन्य से लैस नौसेना पी-8i का इस्तेमाल हिंद महासागर की कठोर निगरानी करने में कर रहा है.
नौसेना भारतीय वायुसेना के लापता एएन 32 विमान की तलाश में इस्तेमाल हो रहे सोनोबॉय को भी गिराने और उसकी निगरानी करने में सक्षम होगी.
संयोग से भारत 'पी-8I' का पहला अंतरराष्ट्रीय ग्राहक था और बोइंग की भारत को पहली सैन्य बिक्री भी थी.
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