सतत विकास रैंकिंग में भारत दो स्थान पिछड़ गया है. एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि 2015 में संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों द्वारा 2030 के एजेंडे के एक हिस्से के रूप में अपनाए गए 17 सतत विकास लक्ष्यों में भारत का रैंक पिछले साल के मुकाबले दो स्थान फिसलकर 117 पर पहुंच गया है.
भारत की पर्यावरण रिपोर्ट 2021 की स्थिति से खुलासा हुआ है कि भारत की रैंक पिछले साल 115वीं थी जो अब 117वीं हो गई है. यह जानकारी एक नई रिपोर्ट में सामने आई है. यह पर्यावरणीय सेहत, जलवायु, वायु प्रदूषण, स्वच्छता एवं पेयजल, पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएं, जैव विविधता आदि जैसे विभिन्न कारकों के आधार पर तय किया जाता है.
भारत की रैंकिंग क्यों फिसला
भारत की यह रैंकिंग मुख्य रूप से खाद्य सुरक्षा का लक्ष्य प्राप्त कर भुखमरी का खात्मा करने, लैंगिक समानता प्राप्त करने और लचीले बुनियादी ढांचे के निर्माण करने, सतत समावेशी औद्योगीकरण को बढ़ावा देने और नवाचार को बढ़ावा देने जैसी प्रमुख चुनौतियों के कारण दो स्थान गिरी है.
भारत का कुल एसडीजी स्कोर
भारत का स्थान चार दक्षिण एशियाई देशों-भूटान, नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश से भी नीचे है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का कुल एसडीजी स्कोर 100 में से 61.9 है.
17 लक्ष्य तय किए गए
संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों द्वारा साल 2015 में सतत विकास के लिए 2030 एजेंडा अपनाया गया था, जो पृथ्वी पर भविष्य में शांति और समृद्धि के लिए एक साझा ब्लूप्रिंट प्रदान करता है. इसके अंतर्गत 17 लक्ष्य तय किए गए हैं, जिसका मुकाबला साझेदारी में सभी देशों (विकसित और विकासशील) द्वारा तत्काल किया जाना तय किया गया था.
इनमें गरीबी और भुखमरी खत्म करना, अच्छी सेहत एवं आरोग्य, अच्छी शिक्षा, लैंगिक समानता, साफ पानी एवं स्वच्छता, किफायती एवं स्वच्छ ऊर्जा, अच्छा कार्य एवं आर्थिक विकास, उद्योग, नवोन्मेष एवं अवसंरचना शामिल है। इसके अलावा असमानता घटाना, स्थायी शहर एवं समुदाय, जिम्मेदार उपभोग एवं उत्पादन, जलवायु कार्रवाई, जल के नीचे जीवन, भूमि पर जीवन, शांति, न्याय एवं मजबूत संस्थान और अंतिम में लक्ष्यों के लिए वैश्विक साझेदारी को ठोस करना भी है.
राज्य-वार तैयारियों का विस्तृत रूप
रिपोर्ट में कहा गया है कि झारखंड और बिहार 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को पूरा करने के लिए सबसे कम तैयार हैं, जो कि लक्ष्य वर्ष है, जबकि झारखंड 17 एसडीजी में से पांच में पीछे है और बिहार सात में पीछे है. रिपोर्ट में कहा गया है कि केरल, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ एसडीजी हासिल करने की राह पर सबसे अच्छे समग्र स्कोर वाले राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश हैं.
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