भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और भारतीय वायु सेना (IAF) ने 11 दिसंबर 2021 को पोखरण रेंज से स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित हेलीकॉप्टर लॉन्च स्टैंड आफ एंटी टैंक मिसाइल (SANT) का सफल परीक्षण किया. रक्षा मंत्रालय के अनुसार संत मिसाइल परीक्षण अपने सभी उद्देश्यों को पूरा करने में सफल रहा.
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संत मिसाइल परीक्षण से जुड़ी टीम को बधाई दी. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि परीक्षण अपने सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा करने में सफल रहा और निगरानी प्रणाली से समूचे परीक्षण पर नजर रखी गई. DRDO के अध्यक्ष डॉ जी सतीश रेड्डी ने भी कहा कि SANT मिसाइल के सफल परीक्षण से भारतीय सशस्त्र बलों की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं को और बढ़ावा मिलेगा.
#WATCH | DRDO and Indian Air Force flight-tested indigenously designed and developed helicopter launched stand-off anti-tank (SANT) Missile from Pokhran range on today pic.twitter.com/nzdcPTWwAR
— ANI (@ANI) December 11, 2021
जानें मिसाइल की खासियत
• भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा विकसित यह मिसाइल एक अत्याधुनिक मिलीमीटर वेव (MMW) तकनीक से लैस है जो सुरक्षित दूरी से दुश्मन के पसीने छुड़ाने में सक्षम है. यह मिसाइल 10 किलोमीटर तक की सीमा में लक्ष्य को नष्ट करने की काबिलियत रखती है.
• संत मिसाइल को अनुसंधान केंद्र (RCI), हैदराबाद के साथ DRDO की प्रयोगशालाओं के समन्वय और उद्योगों की भागीदारी के साथ डिजाइन और विकसित किया गया है.
• भारतीय वायु सेना को और ज्यादा सक्षम बनाते हुए लंबी दूरी मिसाइल और स्मार्ट एंटी एयरफील्ड हथियार के बाद हाल के दिनों में परीक्षण किए जाने वाले स्वदेशी स्टैंड-ऑफ हथियारों की श्रृंखला में यह तीसरी मिसाइल है.
• उन्नत प्रौद्योगिकियों के साथ विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए विभिन्न विन्यासों का स्वदेशी विकास रक्षा क्षेत्र में 'आत्मनिर्भर भारत' की तरफ एक और सार्थक कदम है.
• डीआरडीओ ने सेना के साथ मिलकर पिछले तीन दिनों के दौरान फील्ड फायरिंग रेंज में इन स्वदेशी निर्मित रॉकेटों के लांचिग परीक्षणों की सीरीज आयोजित की. इन परीक्षणों में, उन्नत रेंज के पिनाक रॉकेटों का विभिन्न वार हेड क्षमताओं के साथ विभिन्न रेंजों पर परीक्षण किया गया.
आपको बता दें कि भारतीय वायु सेना के शस्त्रागार को और मजबूत करते हुए लंबी दूरी के बम और स्मार्ट एंटी-एयरफील्ड वेपन (SAAW) के बाद हाल के दिनों में परीक्षण किए जाने वाले स्वदेशी स्टैंड-ऑफ हथियारों की श्रृंखला में सैंट मिसाइल का तीसरा परीक्षण है. मंत्रालय ने कहा कि उन्नत प्रौद्योगिकियों के साथ स्वदेशी विकास "रक्षा में 'आत्मनिर्भर भारत' की तरफ एक मजबूत कदम है.
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