भारत ने 07 फरवरी 2018 को स्वदेशी तकनीक से विकसित परमाणु बम ले जाने में सक्षम पृथ्वी-2 मिसाइल का ओडिशा परीक्षण केन्द्र से सफल प्रक्षेपण किया है.
इससे पहले 18 जनवरी 2018 को अग्नि-5 और 06 फरवरी 2018को अग्नि-1 का भी ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप से सफल परीक्षण किया गया था.
इसका परीक्षण भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के स्ट्रेटजिक फोर्सेज कमांड (एसएफसी) ने किया, जो आईएएफ के नियमित प्रशिक्षण अभ्यास का हिस्सा है.
पृथ्वी-2 मिसाइल के बारे में:
• ये मिसाइल एलुमिनियम मिश्र धातु से बनी हुई है और इसके पंखों को मैग्नीशियम से बनाया गया है.
• पृथ्वी-2 मिसाइल 500 से 1000 किलोग्राम तक आयुध ले जाने में सक्षम है और इसके दो इंजन तरल ईंधन से चलते हैं.
• पृथ्वी-2 मिसाइल सतह से सहत तक मार करने में सक्षम है.
• इस मिसाइल से 350 किमी दूर निशाना लगाया जा सकता है.
• पृथ्वी-2 प्रक्षेपास्त्र की लम्बाई 9 मीटर, चौड़ाई 1 मीटर और वजन 4600 किलोग्राम है.
• इस मिसाइल को अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा इंटीग्रेटेड मिसाइल डेवल्पमेंट प्रोग्राम के तहत विकसित किया गया था.
• यह अपने लक्ष्य को सटीकता से निशाना बनाने के लिए अत्याधुनिक प्रणाली का इस्तेमाल करती है.
• यह मिसाइल 483 सेकेंड तक और 43.5 किमी की ऊंचाई तक उड़ान भर सकती है.
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