भारतीय नैसेना ने हाल ही में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. यह टेस्ट स्वदेशी स्टील्थ विध्वंसक आईएनएस चेन्नई (INS Chennai) से किया गया. परीक्षण के दौरान मिसाइल ने अरब सागर में एक टॉरगेट पर निशाना लगाया. मिसाइल ने उच्च-स्तरीय और अत्यंत जटिल युद्धाभ्यास करने के बाद लक्ष्य को सटीकता के साथ सफलतापूर्वक लक्षित किया.
ब्रह्मोस प्राइम स्ट्राइक हथियार के रूप में नेवल सर्फेस लक्ष्यों को लंबी दूरी तक निशाना बनाकर युद्धपोतों की अजेयता सुनिश्चित करेगा. सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल परीक्षण के दौरान अरब सागर में एक लक्ष्य पर निशाना साधा गया. मिसाइल ने इस लक्ष्य को बेहद सटीकता से भेदा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सफल प्रक्षेपण के लिए डीआरडीओ, ब्रह्मोस और भारतीय नौसेना को बधाई दी है.
मुख्य बिंदु
• यह सुपरसोनिक मिसाइल आवाज की गति से भी 2.8 गुना तेज गति से अपने लक्ष्य को भेदने की क्षमता रखता है. इससे पहले डीआरडीओ और रूस के वैज्ञानिकों के साझा प्रयास से निर्मित जमीन से जमीन पर मार करने वाले क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था.
• यह मिसाइल 8.4 मीटर लंबा और 0.6 मीटर चौड़ा है. इसका वजन 3000 किलोग्राम है. यह प्रक्षेपास्त्र 300 किलोग्राम वजन तक विस्फोटक ढोने और 300 से 500 किलोमीटर तक प्रहार करने की क्षमता रखता है.
• ब्रह्मोस जमीन, हवा, पानी और मोबाइल लांचर से दागा जा सकता है. ब्रह्मोस मिसाइल एक दो चरणीय वाहन है, जिसमें ठोस प्रोप्लेट बूस्टर और एक तरल प्रोप्लेट रेमजेम सिस्टम है.
• ब्रह्मोस का पहला परीक्षण 12 जून 2001 को आइटीआर चांदीपुर से ही किया गया था. बता दें कि कई दिनों से भारत नई-नई किस्म की मिसाइल के साथ पुरानी मिसाइलों का भी प्रायोगिक परीक्षण कर रहा है.
• ब्रह्मोस एयरोस्पेस, भारत-रूस का संयुक्त उद्यम है. यह सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों का उत्पादन कर रहा है, जो पनडुब्बी, जहाज, विमान या जमीन से दागी जा सकती हैं.
पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि भारत ने पिछले कुछ सप्ताह में कई मिसाइलों का परीक्षण किया है. इनमें सतह से सतह पर मार करने वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस और एंटी रेडिएशन मिसाइल रूद्रम-1 शामिल हैं. भारत ने परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम हाइपरसोनिक मिसाइल शौर्य का भी परीक्षण किया है.
मिसाइलों का परीक्षण ऐसे समय में किया गया है, जब पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर गतिरोध चल रहा है. भारत ने 30 सितंबर को ब्रह्मोस के सतह से सतह पर मार करने वाले नये प्रारूप का सफल परीक्षण किया था. इस मिसाइल की मारक क्षमता 290 किमी से बढ़ाकर 400 किमी की दूरी तक की गई है.
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