वैश्विक नवाचार सूचकांक-2019 में भारत 52वें स्थान पर

Jul 25, 2019, 15:19 IST

जीआईआई ने इसके 12वें संस्करण में 80 संकेतकों के आधार पर 129 अर्थव्यवस्थाओं को रैंकिंग दी है. इन संकेतकों में बौद्धिक संपदा संबंधी आवेदन दाखिल करने की दरों से लेकर मोबाइल-एप्लीकेशन बनाना, शिक्षा पर व्यय और वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी प्रकाशन तक शामिल हैं.

केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 24 जुलाई 2019 को नई दिल्ली में ‘वैश्विक नवाचार सूचकांक (जीआईआई) 2019’ को जारी किया. इस सूचकांक में भारत साल 2018 के 57वें पायदान से पांच स्थान ऊपर चढ़कर साल 2019 में 52वें पायदान पर पहुंच गया है.

जीआईआई ने इसके 12वें संस्करण में 80 संकेतकों के आधार पर 129 अर्थव्यवस्थाओं को रैंकिंग दी है. इन संकेतकों में बौद्धिक संपदा संबंधी आवेदन दाखिल करने की दरों से लेकर मोबाइल-एप्लीकेशन बनाना, शिक्षा पर व्यय और वैज्ञानिक एवं प्रौद्योगिकी प्रकाशन तक शामिल हैं.

जीआईआई 2019 का थीम

वैश्विक नवाचार सूचकांक (जीआईआई) 2019 का थीम ‘स्वस्थ जीवन का सृजन-चिकित्सा नवाचार का भविष्य’ है. इसका उद्देश्य निवारक स्वास्थ्य सेवा पर फोकस रहना है. इस थीम के तहत अच्छा स्वास्थ्य (वेलनेस) सुनिश्चित करना समाज का हिस्सा बन जाता है.

जीआईआई 2019 के मुख्य बिंदु:

• जीआईआई में स्विट्जरलैंड अब भी पहले स्थान पर है. इसके बाद स्वीडन, अमेरिका, नीदरलैंड, ब्रिटेन, फिनलैंड, डेनमार्क, सिंगापुर, जर्मनी तथा इजरायल का स्थान आता है.

• इस सूचकांक में चीन 14वें स्थान पर, पाकिस्तान 105वें स्थान पर, नेपाल 109वें स्थान पर, बांग्लादेश 116वें स्‍थान है.

• भारत जीआईआई में 50वें स्थान पर पहुंचने के लिए अपने कोशिश को निरंतर जारी रखेगा. ईरान 61वें स्थान पर और कजाकिस्तान 79वें स्थान पर है.

• मध्य आय वाले देश खासकर एशियाई देशों में तेजी से रिसर्च एंड डेवलपमेंट और इंटरनेशनल पेटेंट के क्षेत्र में काम कर रहा है.

• अमेरिका, चीन और जर्मनी में अधिकांश विज्ञान एवं प्रोद्यौगिकी क्लस्टर हैं. जबकि ब्राजील, भारत, ईरान, रूस और तुर्की टॉप 100 में बना हुआ है.

• उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) संस्थानों, विश्वविद्यालयों और निजी क्षेत्र से देश को एक नवाचार केन्द्र में बदलने का अनुरोध किये. उन्होंने विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (विपो) से भविष्य में नवाचार सूचकांक के हिस्से के रूप में भारत के ग्रामीण नवाचार को भी इसमें शामिल करने का आग्रह किया.

• इन समस्याओं में शहरों में बढ़ते प्रदूषण स्तर, जल संकट, तेजी से खत्म होते प्राकृतिक संसाधन, जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दे और खाद्य पदार्थों की बर्बादी शामिल हैं.

जीआईआई 12 साल से जारी

जीआईआई बारह साल से जारी हो रहा है. जीआईआई रैंकिंग वार्षिक आधार पर कॉरनेल विश्वविद्यालय इनसीड, संयुक्त राष्ट्र विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (विपो) और जीआईआई नॉलेज पार्टनर्स द्वारा प्रस्तुत की जाती है. भारत की रैंक साल 2015 में 81वीं थी, जो अब चढ़कर 52वें स्थान पर आ गई है. जीआईआई ने इनोवेशन के आधार पर 120 देशों की अर्थव्यवस्था को रैंकिंग दी है.

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रैंकिंग में सुधार

इस बात का अनुमान पहले से ही लगाया जा रहा था कि रैंकिंग में सुधार होगा. भारत साल 2017 में 60वें,  साल 2016 में 66वें और साल 2015 में भारत 81वें स्थान पर था. भारत का उद्देश्य इसमें पहली 25 अर्थव्यवस्थाओं में आने का है.

भारत साल 2019 में ब्रिटेन को पछाड़ते हुए विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाला है. इसके अतिरिक्त एशिया प्रशांत क्षेत्र में चीन के बाद दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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