रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल (DTTI) के तहत, रक्षा उपकरणों के सह-उत्पादन और सह-विकास के प्रयासों के एक हिस्से के रूप में, भारत और अमेरिका ने रक्षा प्रौद्योगिकी सहयोग पर बातचीत को और अधिक मजबूत करने के लिए एक आशय के संशोधित बयान (SOI) पर अपनी सहमति व्यक्त की है जिसके तहत, कई विशिष्ट DTTI परियोजनाओं पर विस्तृत योजना बनाना और मापने योग्य प्रगति को शामिल किया गया है. इस DTTI समूह का उद्देश्य द्विपक्षीय रक्षा व्यापार संबंधों पर नेतृत्व का ध्यान निरंतर केंद्रित करना और सह-उत्पादन और सह-विकास के अवसर पैदा करना था.
भारत और अमेरिका के बीच हुई वर्चुअल बैठक के बारे में
भारत और अमेरिका के बीच बीते मंगलवार अर्थात 09 नवंबर, 2021 को वर्चुअल रूप से हुई DTTI समूह की 11वीं बैठक में यह समझौता हुआ. इसकी सह-अध्यक्षता भारतीय पक्ष की ओर से सचिव (रक्षा उत्पादन), राज कुमार और अमेरिकी रक्षा विभाग में अवर रक्षा सचिव, जो अधिग्रहण और निरंतरता के लिए कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं, ग्रेगरी कौसनर ने की थी.
रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के महत्त्वपूर्ण बयान
रक्षा मंत्रालय ने अपने एक बयान में यह कहा कि, भारत और अमेरिका के बीच बारी-बारी से साल में दो बार ये बैठकें आयोजित की जाती हैं. हालांकि, यह DTTI बैठक COVID-19 महामारी के कारण लगातार दूसरी बार वीडियो टेलीकांफ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई थी.
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उक्त बयान में यह भी कहा गया है कि, DTTI समूह का उद्देश्य द्विपक्षीय रक्षा व्यापार संबंधों पर नेतृत्व का ध्यान निरंतर केंद्रित करना और रक्षा उपकरणों के सह-उत्पादन और सह-विकास के अवसर पैदा करना था. पारस्परिक रूप से सहमत परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए DTTI के तहत भूमि, नौसेना, वायु और विमान वाहक प्रौद्योगिकियों पर केंद्रित चार संयुक्त कार्य समूहों की स्थापना की गई थी.
रक्षा मंत्रालय ने आगे यह कहा कि, " इन दोनों समूहों ने अपने सह-अध्यक्षों को मौजूदा गतिविधियों और सहयोग के विभिन्न अवसरों पर सूचना दी, जिसमें प्राथमिकता पर पूरा करने के लिए लक्षित कई निकट अवधि की परियोजनाएं भी शामिल हैं."
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