भारत @ 70 : 2022 तक नए भारत के लिए प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण और चुनौतियां

Feb 16, 2018, 17:13 IST

15 अगस्त 2017 को  प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक लाल किले से नए भारत से जुड़े अपने दृष्टिकोण को उजागर किया. अपने चौथे स्वतंत्रता दिवस के इस भाषण के दौरान नरेंद्र मोदी ने 2022 तक एक नया भारत बनाने के लिए सभी नागरिकों से आगे आने की अपील की. अपने दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए  प्रधान मंत्री ने पिछले 70 वर्षों में भारतीय समाज की ताकत और स्वतंत्र भारत की सफल यात्रा पर प्रकाश डाला.

India@70: PM Modi’s vision for New India by 2022 & the Challenges Ahead
India@70: PM Modi’s vision for New India by 2022 & the Challenges Ahead

15 अगस्त 2017 को  प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐतिहासिक लाल किले से नए भारत से जुड़े अपने दृष्टिकोण को उजागर किया. अपने चौथे स्वतंत्रता दिवस के इस भाषण के दौरान नरेंद्र मोदी ने 2022 तक एक नया भारत बनाने के लिए सभी नागरिकों से आगे आने की अपील की. अपने दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए  प्रधान मंत्री ने पिछले 70 वर्षों में भारतीय समाज की ताकत और स्वतंत्र भारत की सफल यात्रा पर प्रकाश डाला.

इस संदर्भ में हम नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित 2022 तक नए भारत के निर्माण की दिशा में आने वाली सबसे महत्वपूर्ण चुनौतियों की एक सूची पेश कर रहे हैं-

बेरोजगारी :

स्किल इंडिया, मेक इन इंडिया और अन्य लोगों के बीच श्रम सुधार के जरिए रोजगार के अवसरों में वृद्धि के उपायों के बावजूद  हाल के वर्षों में बेरोजगारी की दर बढ़ती जा रही है. पांचवीं वार्षिक रोजगार - बेरोजगारी सर्वेक्षण (2015-16) के अनुसार, 2013-14 में बेरोजगारी दर 4.9% थी,जिसमें 5% की वृद्धि हो गई.  2012-13 में यह 4.7% और 2011-12 में 3.8% थी.

इसके अलावा, पुरुषों की तुलना में बेरोजगारी की दर महिलाओं के बीच काफी अधिक थी. अखिल भारतीय स्तर पर महिला बेरोजगारी की दर 8.7% होने का अनुमान था, जबकि पुरुषों के लिए यह 4.0% था. महिलाओं के बीच रोजगार दर का निम्नतम स्तर पूरे समाज के लिए काफी चिंता का विषय है.

जनसांख्यिकीय चुनौतियां :

भारत की वर्तमान आबादी 1.34 बिलियन है और 1% से अधिक की वृद्धि दर के साथ  2022 तक 1.40 अरब तक पहुंचने का अनुमान है. संसाधन-जमीन, पानी, खनिज और ऊर्जा ये सभी सीमित हैं, खेतों की उत्पादकता और उद्योगों को समान दर से बढ़ाया जाना चाहिए. भारत के लिए यह कठिन चुनौती है.हमें इस तथ्य को भी ध्यान में रखना चाहिए कि 35 वर्ष से कम उम्र की लगभग दो तिहाई जनसंख्या को लाभ पहुँचाने की दिशा में इस चुनौती का सामना करना बहुत महत्वपूर्ण टास्क है.

इंफ्रास्ट्रक्चर के मार्ग में अवरोध :

2022 तक एक नया भारत बनाने के लिए एक  गुणवत्ता पूर्ण सामाजिक और आर्थिक बुनियादी ढांचे की आवश्यक्ता है. हाल के वर्षों में देश ने बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में काफी प्रगति की है. ग्लोबल प्रतियोगी सूचकांक - विश्व आर्थिक मंच की बुनियादी सुविधा के अनुसार, भारत का रैंक 2015-16 में 81 से बढ़कर 2016-17 में 68 हो गया है.

हालांकि, यह सुधार पर्याप्त नहीं है और अभी भी बढ़ती आबादी की अपेक्षाओं से कम है.विश्व आर्थिक मंच की  रिपोर्ट में यह कहा गया है कि "भारत में व्यवसाय करने के लिए सबसे ज्यादा समस्याग्रस्त कारकों में से एक महत्वपूर्ण कारक बुनियादी ढांचे की अपर्याप्त आपूर्ति है.”

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 35 ए : बहस को समझने की आवश्यकता

स्वास्थ्य और शिक्षा :

हालांकि स्वतंत्र भारत ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में इन 70 वर्षों में काफी वृद्धि की है लेकिन यह  प्रगति पर्याप्त नहीं है. अब तक अधिकतर विद्यालयों, कॉलेजों और अस्पतालों के माध्यम से  मात्रा  या सेवाओं के विस्तार पर ध्यान दिया गया है  और गुणवत्ता के पहलू पर बहुत कम जोर दिया गया था. महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे कि शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में  गुणवत्ता के पहलू की उपेक्षा, जीवन की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रही है. इसे संयुक्त राष्ट्र के नवीनतम मानव विकास सूचकांक में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है. 2016 की रैंकिंग में 188 देशों के बीच भारत 131 वें स्थान पर आ गया.भारत का मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) 0.624 का मूल्य इसे पाकिस्तान और अन्य देशों जैसे "कांगो और नामीबिया" के साथ "मध्यम मानव विकास" श्रेणी में रखता है. इसलिए  नए भारत का निर्माण करने के लिए  बेहतर स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं के माध्यम से जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने हेतु प्रयास किए जाने चाहिए.

रक्षा और सुरक्षा :

भारत आंतरिक और बाह्य स्रोतों से सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है. जैसे - सीमा पार आतंकवाद, घुसपैठ, चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा विवाद, पूर्वोत्तर में वामपंथी प्रवृत्तियों और वामपंथी उग्रवाद की समस्याएं राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चुनौतियां खड़ी कर रही हैं. दक्षिण चीन सागर में डॉकलाम गतिरोध और नौ-डेश लाइन में चीन की हालिया आक्रामक स्थिति को देखते हुए  वन  बेल्ट वन रोड और चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) से संबंधित आने वाले पांच वर्षों में भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान द्वारा एक बड़ी चुनौती का सामना करने की उम्मीद है.

आने वाले वर्षों में साइबर सुरक्षा और अंतरिक्ष सुरक्षा की धमकी भी बढ़ने की संभावना है. वित्तीय गतिविधियों और संगठनात्मक प्रक्रियाओं में बढ़ते डिजिटलीकरण और अंतरिक्ष में वर्चस्व की दौड़  की वजह से गंभीर सुरक्षा खतरों और वारंट के कारण आने वाले पांच वर्षों में वित्तीय और मानव संसाधनों का आवंटन बढ़ सकता है.

आपदा प्रबंधन और जलवायु परिवर्तन   :

मानव निर्मित आपदाओं के अतिरिक्त  भारत कई तरह की प्राकृतिक आपदाओं से भी जूझ रहा है. 58.6% से अधिक भूमि भूकंप ग्रस्त ज़ोन के अंतर्गत आता है. 12% हिस्सों में  बाढ़ और नदी के क्षरण की समस्या है.7,516 कि.मी. लंबे समुद्र तट में से करीब 5,700 कि.मी. तक चक्रवात और सूनामी खतरा मंडराता रहता है. खेती योग्य क्षेत्र का 68% हिस्सा सूखाग्रस्त है.

ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों ने बाढ़ और सूखे जैसे आपदाओं की आवृत्ति और गंभीरता को और बढ़ा दिया है. माउंट आबू (2017), चेन्नई (2015), कश्मीर (2014) और उत्तराखंड (2013) में भयंकर बाढ़ इस प्रवृत्ति का स्पष्ट संकेत है. प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ोतरी और अर्थव्यवस्था पर इसके असर को  विशेष रूप से कृषि और सामाजिक जीवन पर यथासंभव कम किया जाना चाहिए.

शासकीय मुद्दे :

अपने भाषण के दौरान  प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि लोग व्यवस्था से नहीं चलते हैं, बल्कि व्यवस्था लोगों द्वारा संचालित होती है.अतः फ़िलहाल शासन में व्याप्त भ्रष्टाचार, राजनीतिक अपराध और लाल फीताशाही जैसे प्रमुख समस्याओं पर गौर करने की जरुरत है.भ्रष्टाचार के स्तर में कमी के बावजूद, ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के भ्रष्टाचार धारणा सूचकांक 2016 के 176 देशों के सर्वेक्षण में भारत को 79 वां सबसे स्वच्छ देश घोषित किया गया. चूंकि प्रशासनिक भ्रष्टाचार आम आदमी को गंभीर रूप से प्रभावित करता है और नए भारत के निर्माण के मार्ग में एक प्रमुख बाधा है.इसलिए नीति निर्माताओं को इस मुद्दे को समझना चाहिए तथा इसे दूर करने हेतु सार्थक कदम उठाया जाना चाहिए.

क्या है भारत-चीन विवाद के कारण और क्या है उसका निदान?

सामाजिक समस्याएँ :

नए भारत को समृद्ध और सुरक्षित बनाने के लिए  भारतीय समाज को जाति, धर्म और लिंग के आधार पर भेदभाव और हिंसा जैसे सामाजिक बुराइयों से मुक्त होना चाहिए. हाल के वर्षों में सांप्रदायिक हिंसा बढ़ रही है. इसे  अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर संयुक्त राज्य आयोग की रिपोर्ट द्वारा भी नोटिस  किया गया था. केंद्रीय गृह मंत्रालय (एमएचए) के एक रिपोर्ट के अनुसार 2015 में धार्मिक समुदायों के बीच कुल  751 विवाद हुए जिसके परिणामस्वरूप 97 मौतें हुईं और 2,264 लोग घायल हुए. 2014 में हुए  644 सांप्रदायिक घटनाओं में कुल 95 मौतें हुईं और 1,921 लोग घायल हुए.

ऊपर उल्लिखित चुनौतियों के अतिरिक्त आय में बढ़ती असमानताएंग, कृषि संकट, क्षेत्रीय विकास की असमानताएं और ऊर्जा की जरूरतों के लिए आयात पर निर्भरता आदि जैसी चुनौतियाँ भी सरकार के समक्ष है, जिनका समाधान तलाशना सरकार के लिए आवश्यक होने के साथ साथ उनकी नैतिक जिम्मेदारी है.

निष्कर्ष

नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने लक्ष्य वर्ष के रूप में 2022 को चुना है, क्योंकि 2022 में  भारत की आजादी के 75 साल पूरे हो जायेंगे. स्वतंत्रता की दिशा में भारत की यात्रा कभी भी आसान नहीं रही और इसके लिए महात्मा गांधी जैसे मजबूत नेतृत्व की आवश्यकता थी. अतः नए भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए  भारत को न केवल एक मजबूत राजनीतिक नेतृत्व बल्कि संविधान के आदर्शों के प्रति प्रतिबद्ध और जिम्मेदार नागरिकों की आवश्यक्ता है.

भारत और रूस सम्बन्ध के 70 वर्ष : सहयोग के उभरते क्षेत्र

Jagranjosh
Jagranjosh

Education Desk

Your career begins here! At Jagranjosh.com, our vision is to enable the youth to make informed life decisions, and our mission is to create credible and actionable content that answers questions or solves problems for India’s share of Next Billion Users. As India’s leading education and career guidance platform, we connect the dots for students, guiding them through every step of their journey—from excelling in school exams, board exams, and entrance tests to securing competitive jobs and building essential skills for their profession. With our deep expertise in exams and education, along with accurate information, expert insights, and interactive tools, we bridge the gap between education and opportunity, empowering students to confidently achieve their goals.

... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News