भारतीय अंतरिक्ष विज्ञानियों ने ब्रह्मांड में सबसे दूर स्थित एक और स्टार गैलेक्सी (आकाशगंगा) की खोज की है. यह पृथ्वी से 9.3 अरब प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है. भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग ने 01 सितम्बर 2020 को यह जानकारी दी. खगोलविदों की यह सफलता अंतरिक्ष मिशनों में एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में देखी जा रही है.
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने भारतीय खगोलविदों द्वारा ब्रह्मांड में सबसे दूर स्थित तारों की आकाशगंगाओं में से एक खोजने पर उन्हें बधाई दी है. बतौर नासा, यह खोज मानवता की समझ को बेहतर बनाने में मदद करेगी. भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है.
धरती से 9.3 बिलियन प्रकाश वर्ष दूर
केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसे लेकर रहा है कि यह गर्व की बात है कि एस्ट्रोसैट ने धरती से 9.3 बिलियन प्रकाश वर्ष दूर स्थित एक आकाशगंगा का पता लगाया है. उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की क्षमता एक विशिष्ट स्तर पर पहुंच गई है, जहां से हमारे वैज्ञानिक अपनी क्षमताओं के संकेत दे रहे हैं.
Landmark achievement by Indian Astronomers. Space observatory AstroSat discovers one of farthest galaxy of Stars in the Universe. Hailed by leading international journal “Nature Astronomy”. Very important clue for further study of Light in Universe. pic.twitter.com/WLj6SUj6gT
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) September 1, 2020
अंतरिक्ष विभाग के अनुसार
अंतरिक्ष विभाग के अनुसार, एयूडीएफएस-01 नामक इस आकाशगंगा की खोज इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (आइयूसीएए) पुणे के डॉ. कनक साह के नेतृत्व में खगोलविदों की एक टीम ने की थी. इस अहम खोज के महत्व और विशिष्टता के बारे में जर्नल नेचर एस्ट्रोनॉमी में विस्तार से बताया गया है.
यह खोज करने वाली भारत की पहली अंतरिक्ष वेधशाला एस्ट्रोसैट को मोदी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान 28 सितंबर 2015 को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा प्रक्षेपित किया गया था. इसे इसरो के पूर्ण समर्थन के साथ आईयूसीएए के पूर्व एमेरिटस प्रोफेसर श्याम टंडन के नेतृत्व में एक टीम द्वारा विकसित किया गया था.
आइयूसीएए के निदेशक ने क्या कहा?
आइयूसीएए के निदेशक डॉ. सोमक रे ने कहा कि यह खोज एक महत्वपूर्ण सुराग है, जो यह बता सकता है कि ब्रह्मांड के अंधेरे युग कैसे समाप्त हुए और ब्रह्मांड में प्रकाश था. उन्होंने कहा हमें यह जानना चाहिए कि यह कब शुरू हुआ, लेकिन प्रकाश के शुरुआती स्त्रोतों को खोजना बेहद कठिन है.
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