भारतीय नौसेना ने सबसे बड़ा तटीय रक्षा अभ्यास शुरू किया

यह अभ्यास समुद्र तट से सटे सभी 13 राज्यों की 7,516 किमी लंबी सीमा पर चलाया जा रहा है. मछुआरों और तटीय इलाकों में रहने वाले समुदाय भी इसका हिस्सा बने हैं.

Jan 23, 2019, 16:56 IST
Indian Navy to commence largest-ever coastal defence exercise
Indian Navy to commence largest-ever coastal defence exercise

भारतीय नौसेना ने 22 जनवरी 2019 को "26/11" हमले के दस साल बाद अपने सबसे बड़े तटीय रक्षा अभ्यास शुरू किया है. इस अभ्यास का कोडनेम ‘सी विजिल 2019’ है. यह दो दिवसीय रक्षा अभ्यास हैं.

यह अभ्यास समुद्र तट से सटे सभी 13 राज्यों की 7,516 किमी लंबी सीमा पर चलाया जा रहा है. मछुआरों और तटीय इलाकों में रहने वाले समुदाय भी इसका हिस्सा बने हैं. भारतीय नौसेना के मुताबिक नौसेना इतिहास में यह अबतक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास है.

 

अभ्यास में अलग-अलग मंत्रालय भी शामिल:

इस अभ्यास में रक्षा मंत्रालय के अलावा, गृह मंत्रालय, पेट्रोलियन और प्राकृतिक गैस, मत्स्य पालन, कस्टम के अलावा राज्य सरकारें भी शामिल हैं. इस अभ्यास से अलग-अलग मंत्रालयों और सरकारों के बीच तालमेल को भी परखा जाएगा.

 

उद्देश्य:

सी विजिल मुख्यत: इस बात की जांच करेगा कि 26/11 के बाद तटों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम आखिर कितने कारगर साबित हुए हैं. सी विजिल के साथ ऑपरेशनल, टेक्निकल और प्रशासनिक ऑडिट भी किया जाएगा, जो हमारी ताकत और कमजोरी के बारे में सही जानकारी देगा.

इसका लक्ष्य समुद्री रास्ते से यहां पर किसी भी हमले को नाकाम करने की देश की तैयारी की समीक्षा करना है.

 

युद्धाभ्यास से संबंधित मुख्य तथ्य:

•   इस अभ्यास में नौसेना समुद्र के गश्त, तटों की सुरक्षा और किसी आपात स्थिति में तुरंत सुरक्षा बलों के कार्रवाई करने की क्षमता को जांचा जाएगा.

   इस युद्धाभ्यास में नौसेना और तटरक्षक बल ने अकेले 139 पानी के जहाजों की तैनाती की है. वहीं 35 एयरक्राफ्ट, डॉर्नियर्स, हेलिकॉप्टर्स, ड्रोन, पेट्रोल बोट्स, कोस्टल पुलिस फोर्स और सीआईएसएफ के जवान इसमें शामिल हैं.

   नौसेना के इस अभ्यास के दौरान दो एजेंसियों के बीच सूचनाओं का आदान-प्रदान, टेक्निकल सर्विलांस, खुफिया सूचनाओं की जानकारी, उस पर अमल जैसे बिन्दुओं पर काम कर रही है.

   नौसेना इस दौरान अपने कामकाज का आकलन करेगी, साथ ही सामने आई कमियों को भविष्य में दूर करने, उन्हें स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर में शामिल करने पर भी विचार करेगी.

 

पृष्ठभूमि:

बता दें कि 26/11 हमले के बाद जांच में सामने आया था कि खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर कनेक्टिविटी नहीं होने से उस हमले के बारे में अधिक जानकारी नहीं जुटाई जा सकी थी.

हमले के बाद तटीय इलाकों को सुरक्षित बनाने के लिए कई उपाय हुए. सुरक्षा एजेंसी और खुफिया एजेंसी के बीच तालमेल को और बेहतर बनाया गया. पहले तो करीब 600 करोड़ रुपये की लागत से कॉस्टल सर्विलांस नेटवर्क के 36 रडार स्टेशन बनाए गए. अगले फेज में 800 करोड़ रुपये की लागत से 38 स्टेशन और स्थापित किए जाएंगे.

 

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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