भारत और फ्रांस के बीच पहला संयुक्त नौसेनिक युद्धाभ्यास 'वरुण-2018', 19 मार्च 2018 को गोवा के वास्को डी गामा स्थित मार्मागोवा पोर्ट ट्रस्ट पर आयोजित किया गया.
यह युद्धाभ्यास गोवा के तट से दूर, अरब सागर में आयोजित किया जायेगा.
'वरुण-2018' के मुख्य बिंदु
• फ्रांस की सबमरीन एवं फ्रिगेट जीन डी वियन तथा भारतीय विध्वंसक आईएनएस मुंबई तथा फ्रिगेट त्रिखंड इस युद्धाभ्यास में शामिल होंगे. साथ ही नौसेना के हेलिकॉप्टर भी इस युद्धाभ्यास में भाग ले रहे हैं.
• इसके अलावा, भारतीय सबमरीन कलवरी, पी8-1 एवं डोर्निएर मेरीटाइम पट्रोल एयरक्राफ्ट एवं एक मिग 29के लड़ाकू विमान भी इस युद्धाभ्यास में शामिल होंगे.
• पहले चरण का युद्धाभ्यास 24 मार्च 2018 को समाप्त होगा.
• इस अभ्यास का दूसरा एवं तीसरा चरण क्रमशः चेन्नई तट पर अप्रैल में तथा ला रीयूनियन आइलैंड पर मई 2018 में आयोजित किया जायेगा.
• अभ्यास के दौरान दोनों देश अपने सैनिकों के लिए सुगम संबंध स्थापित करने के प्रयास भी करेंगे.
पृष्ठभूमि
दोनों देशों के मध्य 1998 में सामरिक संबंधों की स्थापना की गई. इसके बाद भारत और फ्रांस के द्विपक्षीय संबंधों में मजबूती देखने को मिली है. भारत को फ्रांस के मध्य पहले भी युद्धाभ्यास कराये जाते रहे हैं.
भारत और फ्रांस की नौसेना में मध्य वर्ष 1983 से नौसेनिक युद्धाभ्यास चला आ रहा है. इन्हें वर्ष 2001 से वरुण युद्धाभ्यास के नाम से जाना जाने लगा.
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