इंदु शेखर झा को 21 जनवरी 2019 को केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीईआरसी) का सदस्य नियुक्त किया गया. केंद्रीय विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर के सिंह ने इंदु शेखर झा को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.
इंदु शेखर झा को 04 जनवरी 2019 के आदेश द्वारा केंद्रीय विद्युत विनियामक आयोग (सीईआरसी) का सदस्य नियुक्त किया गया. इससे पहले, वे 2015 से पॉवरग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल) के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक का पद संभाल रहे थे.
विद्युत नियामक आयोग (जेईआरसी) के सदस्य के रूप में नियुक्त:
इसके अलावा, लालछारलियाना पचुआउ को मिजोरम की ओर से मणिपुर और मिजोरम के लिए संयुक्त विद्युत नियामक आयोग (जेईआरसी) के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया. लालछारलियाना पचुआउ को पांच साल की अवधि या 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, के लिए नियुक्त किया गया है, जो मणिपुर और मिजोरम की राज्य सरकारों द्वारा हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के प्रावधानों के अनुरूप है. उन्होंने जुलाई 2013 से मणिपुर और मिजोरम के लिए जेईआरसी में प्रमुख (अभियांत्रिकी) के रूप में काम किया है.
सीईआरसी के बारे में:
• केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीईआरसी) की स्थापना भारत सरकार द्वारा विद्युत नियामक आयोग (ईआरसी) अधिनियम, 1998 के प्रावधानों के तहत की गई थी.
• सीईआरसी विद्युत अधिनियम, 2003 के प्रयोजन के लिए एक केंद्रीय आयोग है, जिसने ईआरसी अधिनियम, 1998 को निरस्त कर दिया है.
• आयोग में एक अध्यक्ष और चार अन्य सदस्य होते हैं जिनमें अध्यक्ष, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण शामिल हैं जो आयोग के पदेन सदस्य हैं.
• सीईआरसी के प्रमुख कार्य में केंद्र सरकार की स्वामित्व या नियंत्रित सृजनकारी कंपनियों के प्रशुल्क को विनियमित करना, एक से अधिक राज्यों में बिजली उत्पादन और बिक्री के लिए एक समग्र योजना बनाने वाली अन्य उत्पादक कंपनियों के प्रशुल्क को विनियमित करना तथा बिजली के अंतर-राज्य पारेषण को विनियमित करना और बिजली के इस तरह के पारेषण के लिए प्रशुल्क का निर्धारण करना इत्यादि हैं.
जेईआरसी के बारे में:
• केंद्र सरकार ने मणिपुर और मिजोरम के लिए विद्युत अधिनियम, 2003 के प्रावधानों और उनके लिए एक संयुक्त विद्युत नियामक आयोग (जेईआरसी) का गठन किया था.
• मणिपुर और मिजोरम की राज्य सरकारों द्वारा हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के अनुसरण में संयुक्त विद्युत नियामक आयोग (जेईआरसी) का गठन किया.
• यह एक दो सदस्यीय आयोग है, जिसमें से प्रत्येक सदस्य संबंधित राज्य का प्रतिनिधित्व करता है.
• केंद्र सरकार अधिनियम के प्रावधानों के तहत एवं समझौता ज्ञापन के अनुसरण में मणिपुर और मिजोरम की तरफ से आयोग के सदस्यों को नियुक्त करती है.
• आयोग के प्रमुख कार्य में बिजली के उत्पादन, वितरण लाइसेंसधारियों की बिजली खरीद को विनियमित करना, वितरण लाइसेंसधारियों और बिजली व्यापारियों को लाइसेंस जारी करना, ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों से बिजली के उत्पादन और सह-उत्पादन को बढ़ावा देना तथा लाइसेंसधारियों और उत्पादन करने वाली कंपनियों के बीच विवादों पर फैसला करना इत्यादि हैं.
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