भारत ने हाल ही में नई दिल्ली में यूरोपीय और ओशिनियाई देशों के साथ आर्थिक सहयोग तथा व्यापार बढ़ाने के लिए उनके राजनियकों के साथ चर्चा की है. इन देशों के साथ भारत ने हाल के दिनों में आर्थिक संबंधों को अगले स्तर तक ले जाने के प्रयासों के तहत कुछ व्यापारिक समझौते किए हैं.
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बताया कि वाणिज्य सचिव अनूप वधावन ने यूरोपीय और ओशिनियाई देशों के राजदूतों और उच्चायुक्तों के साथ चर्चा की. उन्होंने कहा कि भारत,यूरोपीय संघ और ओशिनिया में उपलब्ध अवसरों को समझने के लिए सरकार, निर्यात, व्यापार और निवेश से संबंधित संस्थानों, निर्यातकों और व्यवसायों आदि के हर स्तर पर संपर्क बनाए रखना जरूरी है.
मुख्य बिंदु:
• भारत और यूरोपीय देशों के बीच साल 2017-18 के दौरान 130.1 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था. इसके निर्यात एवं आयात दोनों क्षेत्रों में दोहरे अंकों में वृद्धि दर्ज की गई.
• भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का एक चौथाई हिस्सा यूरोपीय देशों से आता है. इसी तरह भारत की ओर से विदेशों में किए जाने वाले निवेश का लगभग 29.8 फीसदी हिस्सा यूरोप में जाता है.
• भारतीय बाजार में ओशिनियाई देशों की कम्पनियों की ओर से अप्रैल 2002 से दिसंबर 2018 के बीच लगभग 103.42 करोड़ डॉलर का निवेश किया गया.
• भारत की विदेशी निवेश का लगभग 1.7 फीसदी हिस्सा ओशिनियाई क्षेत्र के देशों में जाता है. इन देशों में ऑस्ट्रेलिया, फिजी, न्यूजीलैंड और वानूआतू प्रमुख हैं.
• ओशिनियाई देशों में भारत ऑस्ट्रेलिया के लिये पाँचवा सबसे बड़ा निर्यातक बाज़ार है. भारत द्वारा आयात की जाने वाली कुछ प्रमुख वस्तुएँ जैसे- कोयला, सब्जी और सोना हैं.
• भारत से ऑस्ट्रेलिया को निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुओं में शोधित पेट्रोलियम, व्यवसायिक सेवाएँ आदि शामिल हैं.
भारत-ओशिनिया संबंध:
• ओशिनिया के साथ भारत के व्यापार संबंधों पर ऑस्ट्रेलिया और न्यूज़ीलैंड का प्रमुख व्यापार साझेदारी रहा है.
• भारत, न्यूज़ीलैंड का 11वाँ सबसे बड़ा द्विपक्षीय व्यापारिक साझेदार देश था, जिसका सामान और सेवाओं दोनों में कुल व्यापार 1.91 बिलियन अमेरिकी डॉलर था.
• प्रशांत द्वीपसमूह के साथ साल 2012 में भारत का व्यापार 228 मिलियन अमेरिकी डॉलर का था
• ऑस्ट्रेलिया के साथ वस्तुओं और सेवाओं के मामले में भारत का व्यापार लगभग 15.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर था.
• भारत के भी फिजी और पापुआ न्यू गिनी सहित प्रशांत द्वीपीय देशों के साथ महत्त्वपूर्ण व्यापारिक संबंध हैं.
ओशिनिया देश:
संयुक्त राष्ट्र के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार ओशिनिया में 14 देश हैं. ओशिनियाई देश प्रशांत महासागर और उसके आसपास के क्षेत्र के द्वीपीय देश हैं जिन्हें उनकी भौगोलिक समानता के कारण ओशिनियाई देशों के रूप में जाना जाता है.
ऑस्ट्रेलिया | फिजी |
किरिबाती | मार्शल द्वीप |
माइक्रोनेशिया | नौरु |
न्यूजीलैंड | पलाऊ |
पापुआ न्यू गिनी | समोआ |
सोलोमन द्वीप | टोंगा |
तुवालु | वनुआतू |
यूरोपीय संघ के बारे में:
यूरोपीय संघ मुख्यत: यूरोप में स्थित 28 देशों का एक राजनैतिक एवं आर्थिक मंच है जिनमें आपस में प्रशासकीय साझेदारी होती है जो संघ के कई या सभी राष्ट्रो पर लागू होती है. ये 28 देश संधि के द्वारा एक संघ के रूप में जुड़े हुए हैं जिससे कि व्यापार आसानी से हो सके और लोग एक-दूसरे से कोई विवाद न करें.
इसी व्यापार समूह के कारण आगे चलकर साल 1993 में यूरोपीय संघ का जन्म हुआ. साल 2004 में जब यूरो करेंसी लॉन्च की गई तब यह पूरी तरह से राजनीतिक और आर्थिक रूप से एकजुट हुआ. यूरोपिय संघ सदस्य राष्ट्रों को एकल बाजार के रूप में मान्यता देता है.
यूरोपीय संघ समूह आठ संयुक्त राष्ट्रसंघ एवं विश्व व्यापार संगठन में अपने सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व करता है. यूरोपीय संघ के 21 देश नाटो के भी सदस्य हैं. यूरोपीय संघ को साल 2012 में यूरोप में शांति और सुलह, लोकतंत्र और मानव अधिकारों की उन्नति में अपने योगदान हेतु नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
यूरोपीय संघ के महत्वपूर्ण संस्थानों में यूरोपियन कमीशन, यूरोपीय संसद, यूरोपीय संघ परिषद, यूरोपीय न्यायलय एवं यूरोपियन सेंट्रल बैंक इत्यादि शामिल हैं. यूरोपीय संघ के नागरिक हर पांच साल में अपनी संसदीय व्यवस्था के सदस्यों को चुनती है.
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