Happy Independence Day 2023: तिरंगे के बारे में ये 07 रोचक तथ्य आपको कभी नहीं भूलने चाहिए

भारत इस वर्ष अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. इस ऐतिहासिक अवसर पर पीएम मोदी लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराया और राष्ट्र को संबोधित किया. हम इस लेख के माध्यम से राष्ट्रीय ध्वज के इतिहास और इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों को जानने की कोशिश करेंगे.  

Bagesh Yadav
Aug 15, 2023, 11:35 IST
राष्ट्रीय ध्वज के बारे में 07 रोचक तथ्य
राष्ट्रीय ध्वज के बारे में 07 रोचक तथ्य

77th Independence Day: भारत इस वर्ष अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. इस ऐतिहासिक अवसर पर पीएम मोदी लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराया और राष्ट्र को संबोधित किया.

77वें स्वतंत्रता दिवस को सफल बनाने के लिए पूरे देश में 'हर घर तिरंगा' अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत 13 अगस्त से 15 अगस्त के मध्य देश के समस्त राज्यों में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किये गए. भारत के राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास भी काफी पुराना और रोचक है.    

अंग्रेजो ने भारत पर लगभग 200 वर्षों तक शासन किया. भारतियों ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी और अंततः 15 अगस्त, 1947 को सदियों पुराने प्रभुत्व से स्वतंत्रता की घोषणा की. भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 15 अगस्त, 1947 को 'स्वतंत्रता दिवस' की घोषणा की थी. इसके बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश बन गया.    

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता दिवस पर अनोखी पगड़ी और पोशाक पहनने के लिए लोकप्रिय हैं. इस बार भी वह एक नए अंदाज में ऐतिहासिक लाल किले से राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और उसके बाद राष्ट्र को संबोधित करेंगे.

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास:

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास और विकास काफी पुराना है. ऐसा माना जाता है कि भारत में पहला भारतीय राष्ट्रीय ध्वज 7 अगस्त, 1906 को कलकत्ता के पारसी बागान स्क्वायर (ग्रीन पार्क) में फहराया गया था. दूसरा भारतीय ध्वज 1907 में पेरिस में मैडम भीकाजी कामा द्वारा फहराया गया था.

वर्ष 1917 में होम रूल आंदोलन के दौरान तीसरा राष्ट्रीय ध्वज लोकमान्य तिलक और डॉ. एनी बेसेंट द्वारा फहराया गया था. इसके बाद यह सिलसिला भारत की आजादी तक चलता रहा था.

22 जुलाई, 1947 को संविधान सभा ने तीन पट्टिकाओं और बीच में अशोक चक्र वाले भारतीय ध्वज को अपनाया. जिसके परिणामस्वरूप, कांग्रेस पार्टी का तिरंगा झंडा अंततः स्वतंत्र भारत का तिरंगा झंडा बन गया.

भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के बारे में 07 रोचक तथ्य:

1. भारत का राष्ट्रीय ध्वज पिंगली वेंकैया (Pingali Venkayya) द्वारा डिजाइन किया गया था. वह आंध्र प्रदेश के एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे. भारत में पहला भारतीय राष्ट्रीय ध्वज 7 अगस्त, 1906 को कलकत्ता के पारसी बागान स्क्वायर (ग्रीन पार्क) में फहराया गया था. झंडे में तीन प्रमुख रंग लाल, पीला और हरा शामिल था. 

2. वर्ष 1931 में, तिरंगे झंडे को हमारे राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाने के लिए एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पारित किया गया था. यह ध्वज, वर्तमान ध्वज का अग्रदूत, केसरिया, सफेद और हरे रंग का था जिसके केंद्र में महात्मा गांधी का चरखा बना हुआ था. 

3. राष्ट्रीय ध्वज को हिंदी में तिरंगा के नाम से जाना जाता है और इसमें तीन रंग होते हैं और इसके बीच में अशोक चक्र होता है. जिनमें भगवा, सफेद और हरा रंग शामिल है. भगवा रंग - साहस और बलिदान, सफेद - सत्य, शांति और पवित्रता का और हरा रंग-समृद्धि का प्रतीक है.

4. राष्ट्रीय ध्वज में अशोक चक्र धर्म के नियमों का प्रतिनिधित्व करता है. अशोक चक्र धर्म के चित्रण की व्याख्या करता है. अशोक चक्र में समान दूरी पर 24 तीलियाँ होती है. अशोक चक्र ध्वज की सफेद पट्टी पर गहरे नीले रंग में होता है. 

5. भारत के राष्ट्रीय ध्वज को तैयार करने के भी मानक बनाये गए है. राष्ट्रीय ध्वज की चौड़ाई और लंबाई का अनुपात 2:3 होता है. साथ ही झंडे की तीनों पट्टियाँ चौड़ाई और लंबाई में बराबर होती है. भारत को ब्रिटिश साम्राज्य से आजादी मिलने से ठीक पहले 22 जुलाई 1947 को इसे राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया था.  

6. भारतीय कानून के अनुसार, भारत का राष्ट्रीय ध्वज 'खादी' द्वारा बना होता है. कथित तौर पर कर्नाटक खादी ग्रामोद्योग संयुक्त संघ भारत की एकमात्र इकाई है जिसे भारत के ध्वज की आपूर्ति और निर्माण के लिए मान्यता प्राप्त है. 

7. 29 मई, 1953 को, एडमंड हिलेरी और शेरपा तेनजिंग नोर्गे ने माउंट एवरेस्ट पर पहली बार भारतीय ध्वज फहराया था. अप्रैल 1984 में भारत-सोवियत संयुक्त अंतरिक्ष अभियान के दौरान, भारत का राष्ट्रीय ध्वज कॉस्मोनॉट विंग कमांडर राकेश शर्मा द्वारा पहने गए स्पेससूट पर प्रतीक के रूप में अंतरिक्ष में फहराया गया था. 

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