International Literacy Day 2021: जानें क्यों मनाया जाता है विश्व साक्षरता दिवस और क्या है इसका इतिहास

Sep 8, 2021, 10:42 IST

विश्व साक्षरता दिवस  को मनाने का मुख्य उद्देश्य समाज में लोगों के प्रति शिक्षा को प्राथमिकता देने को बढ़ावा देना है. यह दिवस बदलती शिक्षा के दौर में शिक्षकों की भूमिका को सबसे आगे लाने की कोशिश करता है.

International Literacy Day
International Literacy Day

पूरे विश्व में  साक्षरता दिवस 08 सितंबर को मनाया जाता है. विश्व में शिक्षा के महत्व को दर्शाने और निरक्षरता को समाप्त करने के उद्देश्य से प्रत्येक साल 08 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य समाज में लोगों के प्रति शिक्षा को प्राथमिकता देने को बढ़ावा देना है.

विश्व साक्षरता दिवस के दिन लोग एक-दूसरे को इस खास दिन की बधाई देते हैं. इस दिन शिक्षा और उसकी भूमिका के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है कि कैसे यह व्यक्ति, समुदाय और समाज को लाभान्वित कर सकता है. यह दिवस बदलती शिक्षा के दौर में शिक्षकों की भूमिका को सबसे आगे लाने की कोशिश करता है.

पहला विश्व साक्षरता दिवस: एक नजर में

पहला विश्व साक्षरता दिवस 08 सितंबर 1966 को मनाया गया था. साल 2009-2010 में सयुंक्त राष्ट्र साक्षरता दशक घोषित किया गया. तब से आज तक पूरे विश्व में 8 सितंबर को विश्व साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन यूनेस्को पेरिस स्थित अपने मुख्यालय में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता पुरस्कार प्रदान करता है.

निरक्षरता को खत्म करने के लिए ‘अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस’ मनाने का विचार पहली बार ईरान के तेहरान में शिक्षा के मंत्रियों के विश्व सम्मेलन के दौरान साल 1965 में 8 से 19 सितंबर को चर्चा की गई थी. यूनेस्को ने साल 1965 में विश्व साक्षरता दिवस की घोषणा की थी.

विश्व साक्षरता दिवस 2021 की थीम

साक्षरता दिवस का मुख्‍य मकसद लोगों को शिक्षा के लिए प्रेरित करना है. कोरोना महामारी के कारण बदले वैश्विक परिदृश्‍य में ऑनलाइन एजुकेशन जैसी नई चीज सामने आई है. हालांकि समाज का एक वर्ग ऐसा भी है, जिसके लिए वर्चुअल एजुकेशन हासिल कर पाना कई कारणों से मुश्किल है. इस बार अंतरराष्‍ट्रीय साक्षरता दिवस की थीम 'मानव-केंद्रित पुनर्प्राप्ति के लिए साक्षरता: डिजिटल विभाजन को कम करना' है.

विश्व साक्षरता दिवस कैसे मनाया जाता है?

दुनिया भर में विश्व साक्षरता दिवस के दिन कई समारोह का आयोजन किया जाता है. इसके अतिरिक्त कहीं साक्षरता को लेकर भाषण दिए जाते हैं, तो कहीं शिक्षा की अलख जगाने के लिए लोगों को जागरूक किया जाता है. वहीं इस दिन कई लोग गरीब बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा भी उठाते हैं.

संयुक्त राष्ट्र के आंकड़े के मुताबिक

संयुक्त राष्ट्र के आंकड़े के अनुसार दुनियाभर में चार अरब के आस-पास लोग ही साक्षर हैं. आंकड़ों कि माने तो हर 5 वयस्क लोगों में से एक अब भी निरक्षर है. भारत की बात करें तो यहां की साक्षरता दर विश्व की साक्षरता दर से बेहद कम है. हालांकि देश में सर्व शिक्षा अभियान और साक्षर भारत के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं. साक्षरता का मतलब केवल पढ़ने-लिखने या शिक्षित होने से ही नहीं है. यह लोगों के अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूकता लाकर सामाजिक विकास का आधार बन सकती है.

भारत में साक्षरता दर

साल 2018 में जारी एमएचआरडी की शैक्षिक सांख्यिकी रिपोर्ट के अनुसार, भारत की साक्षरता दर 69.1 प्रतिशत है. यह संख्या गांव और शहर दोनों को मिलाकर है. ग्रामीण भारत में साक्षरता दर 64.7 प्रतिशत है जिसमें महिलाओं का साक्षरता रेट 56.8 प्रतिशत तो पुरुषों का 72.3 प्रतिशत है. शहरी भारत में साक्षरता दर 79.5 प्रतिशत है जिसमें 74.8 प्रतिशत महिलाएं पढ़ी-लिखी हैं. वहीं, 83.7 प्रतिशत पुरुष पढ़े-लिखे हैं.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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