प्रधान मंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने 11 अक्टूबर, 2020 को यह सूचित किया है कि निजी क्षेत्र के लिए अपनी सुविधायें खोलने के लिए इसरो (भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन) पूरी तरह से तैयार है.
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अंतरिक्ष विभाग में कुछ नवोन्मेषी ऐतिहासिक सुधारों के बारे में बात करते हुए, केंद्रीय मंत्री ने यह कहा कि, स्वतंत्र भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि, बाहरी अंतरिक्ष यात्रा और ग्रहों की खोज से संबंधित भविष्य की परियोजनाएं निजी क्षेत्र के लिए भी खुलेंगी.
अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी क्षेत्र: आत्मनिर्भर भारत के लिए एक मार्ग
केंद्रीय मंत्री ने अंतरिक्ष विभाग में निजी क्षेत्र की बढ़ती हुई भूमिका पर प्रकाश डाला और यह कहा कि, यह प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए रोडमैप का हिस्सा भी है. यह अंतरिक्ष गतिविधियों में निजी क्षेत्र की भागीदारी को बढ़ावा देने की पहल की परिकल्पना करता है.
उन्होंने आगे यह भी कहा कि, भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र की यात्रा में निजी क्षेत्र सह-यात्री होगा और निजी कंपनियों को अंतरिक्ष-आधारित गतिविधियों और उपग्रह प्रक्षेपण में समान अवसर प्रदान किया जाएगा.
In-SPACe के तहत प्रगति
राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने In-SPACe - भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र की प्रगति के बारे में भी जानकारी दी और आगे यह कहा कि, इसके निर्माण के साथ ही उक्त व्यवस्था लागू होगी और निजी क्षेत्र को इसरो की सुविधाओं के साथ ही अन्य प्रासंगिक संपत्ति का उपयोग करने की अनुमति होगी ताकि उनकी अपनी क्षमताओं में सुधार किया जा सके.
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि, इन नए सुधारों के साथ ही अंतरिक्ष से संबंधित गतिविधियों में एक आपूर्ति-आधारित मॉडल से मांग-आधारित मॉडल में बदलाव होगा.
इस पहल को आगे बढ़ने के लिए, निजी उद्योगों को अपने आवेदन जमा करने के लिए एक वेब लिंक प्रदान किया गया है और फिर, उद्योगों और स्टार्ट-अप्स से प्राप्त किए गए सभी आवेदनों को सरकार की एक उच्च-स्तरीय समिति द्वारा संसाधित किया जाएगा.
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