भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने पोलर सैटेलाइट लॉन्च वीइकल (पीएसएलवी) सी-43 की मदद से 29 नवंबर 2018 को आठ देशों ने 30 सैटेलाइट लॉन्च किये. विदेशी उपग्रहों में 23 अमेरिका से हैं. इस लॉन्च लिए एक दिन पूर्व श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर में उल्टी गिनती शुरू हो गई थी यह पीएसएलवी की 45वीं उड़ान है.
इसरो लॉन्च के प्रमुख बिंदु
• एचवाईएसआईएस (HysIS ) इस मिशन का प्राथमिक सैटेलाइट है.
• एचवाईएसआईएस उपग्रह का प्राथमिक उद्देश्य पृथ्वी की सतह के साथ इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पैक्ट्रम में इंफ्रारेड एवं शॉर्ट वेव इंफ्रारेड क्षेत्रों का अध्ययन करना है.
• इसरो ने कहा कि यह सैटेलाइट सूर्य की कक्षा में 97.957 डिग्री के झुकाव के साथ स्थापित होगा किया जाएगा.
• जिन देशों के उपग्रह भेजे गये हैं उनमें इसमें 23 सैटेलाइट अमेरिका के हैं जबकि आस्ट्रेलिया, कनाडा, कोलंबिया, फिनलैंड, मलेशिया, नीदरलैंड और स्पेन की एक-एक सैटेलाइट शामिल हैं.
• इससे पूर्व 14 नवंबर को एजेंसी ने अपना हालिया संचार सैटेलाइट जीसैट-29 लॉन्च किया था.
इसरो लॉन्च के स्मरणीय तथ्य |
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पीएसएलवी के बारे में जानकारी
ध्रुवीय उपग्रह प्रमोचन वाहन (पीएसएलवी), विश्व के सर्वाधिक विश्वसनीय प्रमोचन वाहनों में से एक है. यह गत 20 वर्षो से भी अधिक समय से अपनी सेवाएं उपलब्ध करा रहा है तथा इसने चंद्रयान-1, मंगल कक्षित्र मिशन, अंतरिक्ष कैप्सूल पुनःप्रापण प्रयोग (स्पेस कैप्सूल रिकवरी एक्सपरिमेंट), भारतीय क्षेत्रीय दिशानिर्देशन उपग्रह प्रणाली (आईआरएनएसएस) आदि जैसे अनेक ऐतिहासिक मिशनों के लिए उपग्रहों का प्रमोचन किया है. प्रमोचन सेवादाता के रूप में पीएसएलवी कई संगठनों की पहली पसंद है तथा इसने 19 देशों के 40 से अधिक उपग्रहों को प्रमोचित किया है. सन् 2008 में इसने एक प्रमोचन में सर्वाधिक, 10 उपग्रहों को विभिन्न निम्न पृथ्वी कक्षा में स्थापित करने का रिकार्ड बनाया था.
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