भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) 17 दिसंबर 2020 को संचार उपग्रह सीएमएस-01 को लॉन्च करने जा रहा है. उपग्रह सीएमएस-01 को पीएसएलवी-सी50 रॉकेट के जरिए प्रक्षेपित करने के लिए उलटी गिनती चल रही है. आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) को एसएचएआर भी कहा जाता है.
इसरो एक बार फिर इतिहास रचने जा रहा है. कोरोना काल में इस साल इसरो का यह दूसरा मिशन है. इसके लिए सतीश धवन स्पेश सेंटर से 25 घंटे की उलटी गिनती 16 दिसंबर दोपहर को ही शुरू हो गई थी. 17 दिसंबर 2020 को दोपहर 3.41 बजे सैटेलाइट को चेन्नई से 120 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लांच पैड से रवाना कर दिया जाएगा.
पीएसएलवी का 52वां मिशन
यह पीएसएलवी का 52वां मिशन होगा. संचार उपग्रह सीएमएस-01 को आज (17 दिसंबर 2020) दोपहर 3.41 बजे श्रीहरिकोटा के दूसरे लांच पैड से प्रक्षेपित किया जाएगा. सीएमएस-01 इसरो का 42वां संचार उपग्रह है.
यह देश की मुख्य भूमि के साथ-साथ अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप द्वीप समूहों को एक्सटेंडेड सी-बैंड की सेवाएं उपलब्ध कराएगा. इससे पहले सात नवंबर को पीएसएलवी-सी49 के जरिये भू-निगरानी उपग्रह को प्रक्षेपित किया गया था.
Countdown for the launch of #PSLVC50/#CMS01 mission commenced today at 1441 Hrs (IST) from Satish Dhawan Space Centre (SDSC) SHAR, Sriharikota.
— ISRO (@isro) December 16, 2020
Launch is scheduled tomorrow at 1541 Hrs IST . pic.twitter.com/oYURy06OGc
इससे होने वाले फायदे
सीएमएस-01 सैटेलाइट की वजह से टेलीकम्युनिकेशन सेवाओं में सुधार होगा. इसकी सहायता से टीवी चैनलों की पिक्चर क्वालिटी सुधरने के साथ ही सरकार को आपदा प्रबंधन के दौरान मदद मिलेगी. यह सैटेलाइट साल 2011 में लांच की गई जीसैट-2 टेलीकम्युनिकेशन सैटेलाइट की जगह लेगी. सीएमएस-01 अगले सात साल तक सेवाएं देगी.
पृथ्वी की सबसे दूरस्थ कक्षा में स्थापित होगा
सीएमएस-01 को पृथ्वी की कक्षा में 42,164 किलोमीटर के सबसे दूरस्थ बिंदु पर स्थापित किया जाएगा. इस कक्षा में स्थापित होने पर यह सैटेलाइट पृथ्वी के चारों तरफ उसी की गति से घूमेगा और पृथ्वी से देखे जाने पर आकाश में एक जगह खड़े होने का भ्रम देगा.
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