अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने 25 दिसंबर 2021 को अपने नए जेम्स वेब टेलिस्कोप को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है. जेम्स वेब की लॉन्चिंग नासा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी के सहयोग से हुई है. दो दशक से अधिक समय से बन रहे और लांचिंग की राह देख रहे इस विश्व के सबसे बड़े टेलीस्कोप से ब्रह्मांड की उत्पत्ति के रहस्यों से पर्दा उठ सकेगा.
यह हबल टेलीस्कोप का स्थान लेगा जिसने तीस साल से अधिक तक विज्ञानियों को अंतरिक्ष की तस्वीरें और अंदरूनी जानकारी उपलब्ध कराईं. अब जेम्स वेब ब्रह्मांड की शुरुआत से जुड़े उन रहस्यों की खोज में निकला है जो अभी तक मानव को पता ही नहीं हैं. अभी तक नासा का हबल टेलिस्कोप अंतरिक्ष से अद्भुत तस्वीरें भेजता है जिसकी जगह अब जेम्स वेब टेलिस्कोप लेगा.
10 हजार वैज्ञानिकों ने किया सहयोग
जेम्स वेब के निर्माण में 10 हजार वैज्ञानिकों ने सहयोग किया है. माना जा रहा है कि जेम्ब वेब टेलिस्कोप की अद्भुत क्षमता से ब्रह्मांड की उत्पत्ति और एलियंस के अस्तित्व जैसे रहस्यों को सुलझाने में मदद मिलेगी.
#WATCH | James Webb Space Telescope, the largest & most powerful space telescope ever constructed successfully lifts-off: NASA
— ANI (@ANI) December 25, 2021
(Video Source: NASA) pic.twitter.com/7pRwEF5okY
इस टेलीस्कोप का नामकरण
इस टेलीस्कोप का नामकरण साल 2002 में नासा के प्रमुख रहे जेम्स वेब के नाम पर रखा गया. 1961 में अमेरिकी राष्ट्रपति जान एफ केनेडी के आग्रह पर यह जिम्मेदारी संभालने वाले वेब को नासा के अतिमहत्वपूर्ण अपोलो अभियान में उल्लेखनीय भूमिका के लिए जाना जाता है. इसी अपोलो अभियान के तहत नील आर्मस्ट्रांग और बज एल्डि्रन के रूप में मानव पहली बार चंद्रमा पर पहुंचा था.
20 साल से अधिक का समय
जेम्स वेब टेलीस्कोप को बनाने की योजना और लांचिंग के बीच 20 साल से अधिक का समय लगा. लांचिंग से लगभग छह माह बाद ही यह अंतरिक्ष से डाटा और तस्वीरें भेजने का काम शुरू कर सकेगा. लांचिंग के बाद कक्षा में पहुंचने के बीच कई चरणों में यह काम करने के लिए तैयार होगा. कक्षा में पहुंचने के बाद यह ठंडा होगा जिसके बाद इसके संचालन से जुड़ी टीम सारे उपकरण खोलेगी और उन्हें एक दूसरे के साथ एलाइन करेगी.
यह पहला टेलीस्कोप जिसे पूरी तरह से फोल्डेबल (मुड़ने लायक) बनाया गया है. लांचिंग के बाद अंतरिक्ष में स्थापित होने पर यह खुद को खोलेगा. इसके लेंस का व्यास 21 फीट से अधिक है. यह धरती से करीब 15 लाख किलोमीटर की दूरी पर अंतरिक्ष में स्थापित होगा.
अंतरिक्ष की पहली तस्वीर इतने दिन बाद खींचेगा
फरवरी में यह 40 दिन बाद अंतरिक्ष की पहली तस्वीर खींचेगा. यह टेलिस्कोप पुराने हबल से काफी अलग है. खराबी आने पर हबल के विपरीत धरती से ही इसकी मरम्मत की जा सकेगी. जेम्स वेब टेलिस्कोप के निर्माण में 10 अरब डॉलर (लगभग 73,616 करोड़ रुपए) का खर्च आया है. महंगा होने के बावजूद इसका काम पैसा वसूल होगा. ये टेलिस्कोप इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम को भी देखने में सक्षम होगा यानी यह बेहद दूर स्थित धुंधले तारों और आकाशगंगाओं को भी साफ देखा जा सकेगा.
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