जम्मू और कश्मीर सरकार ने 12 जनवरी 2017 को राज्य का 79,472 करोड़ रुपए के खर्च का दूसरा बजट पेश किया. बजट में राज्य के कर्मचारियों, किसानों और छात्रों समेत सभी वर्गों को खुश करने की कोशिश की गई है. कुल 79,472 करोड़ रुपये के बजट में 3137 करोड़ का घाटा अनुमानित व्यक्त किया गया है.
विधानसभा में बजट जम्मू और कश्मीर के वित्त मंत्री हसीब द्राबू ने प्रस्तुत किया. हसीब द्राबू के अनुसार सरकार की प्राथमिकता पीएमडीपी के तहत परियोजनाओं को समय पर तैयार करने की होगी. जिसके तहत राज्य में भौतिक और आर्थिक ढांचे की परियोजनाओं के विकास और पुनर्निर्माण हेतु 80,000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा.
बजट में आगामी वर्ष अप्रैल 2017 से 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को एक अप्रैल 2018 से राज्य में लागू करने और कर्मचारी कल्याण की योजनाओं को सर्वोपरि रखा गया है.
बजट के मुख्य तथ्य-
- वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान राज्य सरकार के वित्त मंत्री हसीब द्राबू ने 79,472 करोड़ रुपए खर्च करने लक्ष्य बताया.
- इसमें से लगभग 31,000 करोड़ रुपए विकास कार्यों पर व्यय किया जाएगा, जबकि अन्य व्यय करीब 49,000 करोड़ रुपए का होगा.
- वित्त मंत्री हसीब द्राबू ने सरकारी संपत्तियों, फसलों, विरासती संपत्तियों हेतु बीमा सुविधाओं की भी घोषणा की.
- विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों हेतु वित्तीय सहायता देने पर भी जोर दिया गया.
- वित्तीय वर्ष 2017-18 में इस व्यय के वित्तपोषण हेतु गैर-ऋण प्राप्तियों के माध्यम से 58,000 करोड़ रुपए और करीब 18,000 करोड़ रुपए की धन राशि उधार के माध्यम जुटाई जाएगी.
- वित्तीय वर्ष 2017-18 में राज्य में कुल प्राप्तियां 76,335 करोड़ रुपए की होंगी, जबकि कुल व्यय 79,472 करोड़ रुपए निर्धारित किया गया. इस प्रकार जम्मू और कश्मीर राज्य को 3,135 करोड़ रुपए का घाटा रहेगा.
- वित्त मंत्री द्राबू के अनुसार बजट के पूंजी व्यय में केन्द्र प्रायोजित योजनाओं का बड़ा हिस्सा समायोजित किया गया है जिनका वित्तपोषण केन्द्र सरकार द्वारा ही किया जाएगा.
- चालू वित्त वर्ष 2016 -2017 के दौरान राज्य की कुल प्राप्तियों को कम करके 57,522 करोड़ रुपए किया गया है. अनुमानत: यह बजट 4,159 करोड़ रुपए कम है.
- चालू वित्त वर्ष 2016 -2017 में राज्य की राजस्व प्राप्ति और उधारी दोनों ही कम रही.
नोटबंदी का असर-
- वित्त मंत्री द्राबू के अनुसार नोटबंदी का असर जम्मू और कश्मीर में ज्यादा नहीं रहा. नोटबंदी से राज्य में रीयल एस्टेट के दामों में कमी आयी है.
सार्वजनिक उपक्रम भी घाटे में-
- वित्त मंत्री हसीब द्राबू के अनुसार राज्य के 28 सार्वजनिक उपक्रम भी घाटे में है. कोई भी सार्वजनिक उपक्रम लाभ नहीं कमा रहा है.
- वित्त मंत्री ने राज्य सरकार के बैंक 'जे एण्ड के' बैंक के साथ मिलकर एक संपत्ति पुनर्गठन कंपनी बनाने की घोषणा की. जिसमें राज्य सरकार की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी रहेगी.
बजट में कर्मचारी व किसानों हेतु योजना-
- बजट में जम्मू और कश्मीर रियासत के 61000 कैजुअल कर्मचारियों को चरणबद्ध तरीके से नियमित करने की घोषणा की गयी.
- प्रथम चरण में सिर्फ वे कर्मचारी नियमित किए जाएँगे जिन्होंने परियोजनाओं हेतु सरकार को जमीन उपलब्ध करायी हैं.
- बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से नष्ट होने वाली फसलों को बीमा सुरक्षा कवर दिया गया है.
- बीमा सुरक्षा कवर के तहत धान, सेब, और आम सहित 9 फसलें कवर होंगी.
- जम्मू और कश्मीर रियासत के तीन लाख निर्माण मजदूरों को भी बीमा सुरक्षा देने का एलान किया गया. बीमा सुरक्षा का लाभ उनके परिवार के लगभग 15 लाख लोगों को मिल सकेगा.
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने 2017-18 के राज्य बजट का स्वागत किया. मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के अनुसार बजट में बागवानी, कृषि, परिवहन और अन्य सबंधित क्षेत्रों में प्रस्तावित कदमों से वर्षों से चले आ रहे पुराने मुद्दों के निदान का प्रयास किया गया है.

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