जापानी सरकार ने आज उस विधेयक को मंजूरी दे दी जिसके तहत बुजुर्ग बादशाह अकिहीतो राज सिंहासन का त्याग कर सकते हैं. यह पिछली दो शताब्दियों में किसी राजा द्वारा पद परित्याग का पहला मामला है.
मौजूदा जापानी कानून में राजगद्दी को छोड़ने का कोई प्रावधान नहीं है. इसलिये राजनेताओं को इसे संभव बनाने हेतु विधेयक तैयार किया गया.
मुख्य कैबिनेट सचिव योशीहाइद सुगा के अनुसार प्रधानमंत्री शिंजो अबे के मंत्रिमंडल ने विधेयक को मंजूरी प्रदान की. इसे अब चर्चा और अंतिम मंजूरी हेतु संसद को भेजा जायेगा. संसद द्वारा इसे स्वीकृति किया जाता है तो यह जापान के इतिहास में बीते दो सौ वर्षों के बाद अपनी तरह का पहला मामला होगा.
राजा अकिहीतो द्वारा पदत्याग की इच्छा से सम्बंधित खबरें पिछले वर्ष जुलाई में सामने आईं, 83 वर्षीय राजा के फैसले ने जापान के लोगों को चौंका दिया.
अगस्त में उन्होंने सार्वजनिक रूप से बढ़ती उम्र और गिरती सेहत का जिक्र किया, जिसे उनके सबसे बड़े बेटे युवराज नारूहीतो को राजगद्दी सौंपने की उनकी इच्छा के तौर पर देखा गया. वर्ष 2018 के अंत तक उनके राजगद्दी छोड़ने की कोई उम्मीद नहीं है.
जापान में प्रजातंत्र और राजतंत्र दोनों तरह की शासन व्यवस्था है. जापान का राजतंत्र वहां के प्रजातंत्र को मजबूती से खड़ा रखने और शासन-प्रशासन को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है.
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