जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी पर लगाम लगाने हेतु 07 अप्रैल 2020 को आपातकाल की घोषणा कर दी है. जापान के अधिकांश प्रांतों में 07 अप्रैल से आपातकाल लागू हो गया है. सरकार ने कोरोना वायरस महामारी पर लगाम लगाने के लिए यह फैसला लिया है.
आपातकाल की घोषणा से पहले प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा था कि ऐसे हालात बन रहे हैं जो लोगों के जीवन और अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं. प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा कि बुनियादी आर्थिक गतिविधियां टोक्यो में जारी रहेगी. आपातकाल लगभग एक महीने तक लागू रहेगा.
आपातकाल के दायरे में
आपातकाल के दायरे में राजधानी टोक्यो और अन्य प्रमुख प्रांत होंगे, जिसमें कनागावा, साइतामा, चिबा, ओसाका, ह्योगो और फुकुओका शामिल हैं. टोक्यो, कनागावा, साइतामा, चिबा, ओसाका, ह्योगो और फुकुओका, सात प्रभावित प्रांत, जहां सार्वजनिक परिवहन और सुपरमार्केट खुले रहेंगे, लेकिन लोगों को सामाजिक दूरी बरतने और परहेज करने होंगे.
आर्थिक समस्या से निपटने हेतु पैकेज की घोषणा
जापान सरकार ने कोरोना वायरस महामारी से निपटने हेतु 998 बिलियन डॉलर का इमरजेंसी इकोनॉमिक प्रोत्साहन पैकेज का अनावरण किया है. टोक्यो में कोरोना वायरस संक्रमण पिछले एक हफ्ते में दोगुना होकर लगभग 1,200 से अधिक हो गया है. प्रधानमंत्री आबे ने जोर देकर कहा है कि औपचारिक तालाबंदी लागू करने के बजाय आपातकाल से मामलों में कमी आएगी.
आर्थिक मदद दी जाएगी
जापान सरकार की ओर से जरूरतमंदों को आर्थिक मदद दी जाएगी, इसके अतिरिक्त जिनका काम प्रभावित हो रहा है उन्हें भी मदद दी जाएगी. ये आपातकाल 6 मई तक लागू रहेगी और उसके बाद हालात को देखते हुए फैसला लिया जाएगा.
पृष्ठभूमि
इस आपातकाल के दौरान प्रांतों के गवर्नर को यह ताकत मिलेगी कि लोगों को घरों में रहने का आदेश जारी किया जाए और सभी बाजारों को बंद करने की सलाह दी जाए. हालांकि, इस दौरान पब्लिक ट्रांसपोर्ट, खाने-दवाई की दुकानें खुलती रहेंगी. लेकिन लोगों से अधिक से अधिक घर में रहने को कहा जाएगा. जापान में कोरोना वायरस के केस में पिछले एक हफ्ते में तेजी आई है, पूरे देश में ये मामले 4000 के पार चले गए हैं, जबकि 90 से अधिक लोगों की मौत हो गई है.
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