झारखंड में एक साल तक पान मसाला पर प्रतिबंध, जानें क्यों करना पड़ा बैन

May 9, 2020, 10:47 IST

जांच में अधिकांश पान मसालों में खतरनाक मैग्निशियम कार्बोनेट रसायन पाया गया है. रिपोर्ट में पता चला कि पान मसाले का टेस्ट तीखा करने के लिए मसाले में मैग्नीशियम कार्बोनेट मिलाए गए हैं.

Jharkhand Bans 11 Pan Masala Brands for One Year to Protect Public Health in Hindi
Jharkhand Bans 11 Pan Masala Brands for One Year to Protect Public Health in Hindi

झारखंड सरकार ने पान मसाला पर 08 मई 2020 को पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. खाद्य संरक्षा आयुक्त ने जनस्वास्थ्य के लिए 11 ब्रांड के पान मसाला को 12 महीने के लिए बैन कर दिया है. झारखंड सरकार ने पान मसालों के विभिन्न ब्रांडों की जांच में मैग्नीशियम कार्बोनेट पाए जाने के बाद यह फैसला लिया है.

इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव सह राज्य के खाद्य संरक्षा आयुक्त डॉ. नितिन कुलकर्णी की तरफ से आदेश जारी किया गया है. पिछले साल (2019-20) राज्य में इन पान मसालों के 41 सैंपल जांचे गए थे. जांच में अधिकांश पान मसालों में खतरनाक मैग्निशियम कार्बोनेट रसायन पाया गया है. मैग्नीशियम कार्बोनेट से हृदय की बीमारी सहित विभिन्न प्रकार की बीमारियां होती हैं.

पान मसाला पर बैन क्यों?

जांच में अधिकांश पान मसालों में खतरनाक मैग्निशियम कार्बोनेट रसायन पाया गया है. रिपोर्ट में पता चला कि पान मसाले का टेस्ट तीखा करने के लिए मसाले में मैग्नीशियम कार्बोनेट मिलाए गए हैं. मैग्निशियम कार्बोनेट एक ऐसा हानिकारक पदार्थ है, जिसके सेवन से हृदय की बीमारी सहित विभिन्न प्रकार के कैंसर भी हो सकते हैं. इसके अत्यधिक उपयोग से किडनी फेल भी हो सकता है. पान मसाला के लिए फूड सेफ्टी एक्ट 2006 में दिये गये मानक के अनुसार मैग्नीशियम कार्बोनेट मिलाया जाना प्रतिबंधित है. अतः जन स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह प्रतिबंध फिलहाल एक वर्ष के लिए लगाया गया है.

इन ब्रांड के पान मसालों पर प्रतिबंध

राज्य सरकार के अनुसार यह प्रतिबंध पान पराग पान मसाला, शिखर, रजनीगंधा, दिलरूबा, राज निवास, मुसाफिर, मधु, विमल, बहार, सेहत, पान पराग प्रीमियम पर है.

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने क्या कहा?

झारखंड राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव डॉ. नितिन कुलकर्णी ने कहा कि 11 ब्रांडेड पान मसालों में मैग्नीशियम कार्बोनेट पाया गया था, जिससे कैंसर का खतरा होता है और फ़ूड सेफ्टी एक्ट के तहत पान मसाला में यह नही होना चाहिए, इसलिए इस पर प्रतिबंध लगाया गया है. यदि कोई और भी ब्रांड या नाम बदल कर पाम मसाला बेचने की कोशिश होगी तो उसकी जांच करायी जायेगी.

झारखंड में तंबाकू सेवन

सर्वे के अनुसार झारखंड में तम्बाकू सेवन करने वाले लोगों का प्रतिशत 38.9% है. इसमें चबानेवाले तम्बाकू सेवन करने वालों का प्रतिशत 34.5% है, जो राष्ट्रीय औषत से बहुत ज्यादा है. सरकार द्वारा यदि पान मसाला के प्रतिबंध को राज्य में सही ढंग से लागू किया जाएगा तो सूबे में तम्बाकू सेवन करने वालों के प्रतिशत में और कमी आएगी.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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