Santosh Trophy: कर्नाटक ने 54 साल बाद जीती संतोष ट्रॉफी, मेघालय पहली बार पहुंची थी फाइनल में

कर्नाटक ने 54 साल का इंतजार खत्म करते हुए संतोष ट्रॉफी राष्ट्रीय फुटबॉल चैंपियनशिप जीत ली है. यह संतोष ट्रॉफी का 76वां संस्करण था. कर्नाटक के रॉबिन यादव को 'प्लेयर ऑफ द चैंपियनशिप' चुना गया.

कर्नाटक ने 54 साल बाद जीती संतोष ट्रॉफी
कर्नाटक ने 54 साल बाद जीती संतोष ट्रॉफी

कर्नाटक ने 54 साल का इंतजार खत्म करते हुए संतोष ट्रॉफी राष्ट्रीय फुटबॉल चैंपियनशिप जीत ली है. सऊदी अरब की राजधानी रियाद के किंग फहद इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए फाइनल में कर्नाटक ने मेघालय को 3-2 से हराया.

यह पहला मौका था जब मेघालय इस प्रतिष्टित फुटबॉल टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचा था, लेकिन कर्नाटक के साथ हुए कड़े मुकाबले में उसे हार का मुहं देखना पड़ा. प्ले ऑफ मैच में सर्विसेज ने पंजाब की टीम को हराकर प्रतियोगिता में तीसरा स्थान हासिल किया.

कैसा रहा कर्नाटक का सफ़र?

भारत के बाहर आयोजित हुए इस फाइनल में कर्नाटक को दर्शकों का जोरदार समर्थन मिला, और कर्नाटक ने पहले हाफ में ही तीन गोल करके मेघालय के डिफेन्स को बुरी तरह तोड़ दिया. 1975-76 में कर्नाटक ने सीनियर नेशनल चैंपियनशिप का फाइनल खेला था. 

कर्नाटक के कोच रवि राजू बाबू ने मैच से पहले कहा था कि हमारा प्रयास मेघालय के डिफेंस को तोड़ना है. और काफी हद तक कर्नाटक ने इसे कर दिखाया. 

मैच के 19वें मिनट में कर्नाटक ने बढ़त बना ली थी. इसके बाद कर्नाटक की टीम अच्छी लय में नजर आई और 44वें मिनट में रॉबिन यादव ने एक शानदार गोल कर बढ़त को 2-0 कर दिया.

हालांकि की बाद में मेघालय ने भी अच्छी कोशिश की लेकिन यह प्रयास फाइनल जीतने के लिए काफी नहीं था. अगर मेघालय फाइनल जीत जाती तो यह भी अपने आप में एक रिकॉर्ड होता.

कर्नाटक के रॉबिन यादव को 'प्लेयर ऑफ द चैंपियनशिप' जबकि रजत पॉल लिंगदोह को गोलकीपर ऑफ़ चैंपियनशिप का अवार्ड मिला.  

सर्विसेज रहा तीसरे स्थान पर:

सर्विसेज की टीम ने प्लेऑफ के एक अन्य मैच में पंजाब को 2-0 से हराकर टूर्नामेंट में तीसरा स्थान हासिल किया. सर्विसेज की ओर से पीपी शफील और क्रिस्टोफर कामेई ने गोल किये. गौरतलब है कि सर्विसेज पिछले 10 संस्करणों में से पांच के विजेता रहा है.

संतोष ट्रॉफी का 76वां संस्करण:

यह संतोष ट्रॉफी का 76वां संस्करण था. इस टूर्नामेंट के ग्रुप स्टेज के मैच भारत में ही खेले गए थे, जबकि नॉकआउट मुकाबले सऊदी अरब में 01 से 04 मार्च के बीच खेले गए. 

इस टूर्नामेंट में कुल 36 टीमों ने भाग लिया था जिसमें संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और सरकारी संस्थानों की टीमें शामिल थी. कर्नाट ने यह ख़िताब पांचवीं बार जीता है.      

संतोष ट्रॉफी के बारें में:

संतोष ट्रॉफी एक स्टेट लेवल फुटबॉल प्रतियोगिता है. जिसके अंतर्गत अखिल भारतीय संघ से जुड़ी राज्य की टीमें और सरकारी संस्थानों की टीमें भाग लेती है. फुटबॉल फेडरेशन (AIFF), भारत में फुटबॉल खेलों के आयोजन का शासी निकाय है. 

वर्ष 1996 में, नेशनल फुटबॉल लीग की शुरुआत से पहले संतोष ट्रॉफी को भारत में टॉप डोमेस्टिक टाइटल माना जाता था.

इस टूर्नामेंट की शुरुआत वर्ष 1941 में भारतीय फुटबॉल संघ (IFA) द्वारा शुरू किया गया था, इसका नाम IFA के पूर्व अध्यक्ष, सर मनमथ नाथ रॉय चौधरी (Sir Manmatha Nath Roy Chowdhury) के नाम पर शुरू किया गया था जो संतोष के महाराजा थे जो अब बांग्लादेश का भाग है.     

उपविजेता ट्रॉफी को कमला गुप्ता ट्रॉफी कहा जाता है, जिसे स्वर्गीय डॉ. एस.के. गुप्ता, भारतीय फुटबॉल संघ के पूर्व अध्यक्ष की पत्नी की याद में रखा गया था. 

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