करतारपुर कॉरिडोर: उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने कॉरिडोर की आधारशिला रखी

Nov 26, 2018, 17:18 IST

करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण के  लिए सिखों द्वारा लंबे समय से मांग की जा रही थी. सिख समुदाय के लिए करतारपुर साहिब काफी मायने रखता है.

Kartarpur corridor Govt of India gives green signal Pakistan govt also agrees
Kartarpur corridor Govt of India gives green signal Pakistan govt also agrees

भारत के उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने 26 नवंबर 2018 को करतारपुर कॉरिडोर की आधारशिला रखी. शिलान्यास के दौरान समारोह में उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू के साथ पंजाब के गवर्नर वीपी सिंह बदनौर, मुख्यमंत्री कैप्टन अमिरंदर सिंह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल, कैबिनेट मंत्री सुखिजंदर सिंह रंधावा, कैबिनेट विजय इंद्र सिंगला, सुखबीर सिंह बादल, पंजाब कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ समेत अन्य कई राजनीतिक शख्सियतें उपस्थित रहे.

केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में गुरु नानक देव की 550वीं जयंती मनाने के उपलक्ष्य में करतारपुर कॉरिडोर को मंजूरी देकर बड़ा निर्णयलिया है. मंत्रिमंडलीय वार्ता में 22 नवम्बर 2018 को करतारपुर कॉरिडोर को लेकर बड़ा फैसला लिया गया है.

केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि गुरुदासपुर स्थित डेरा बाबा नानक से लेकर अंतरराष्ट्रीय सीमा तक एक करतारपुर करॉरिडोर बनाया जाएगा. यह वैसा ही होगा, जैसे कोई बहुत बड़ा धार्मिक स्थल होता है. यहां पर वीजा और कस्टम की सुविधा मिलेगी. इसको व्यापक तरीके से करतारपुर साहिब कॉरिडोर के तहत विकसित किया जायेगा जिसकी लम्बाई लगभग तीन किलोमीटर होगी. इस कॉरिडोर को भारत सरकार फंड करेगी.

सिखों द्वारा लंबे समय से इस कॉरिडोर के निर्माण की मांग की जा रही थी. सिख समुदाय के लिए करतारपुर साहिब काफी मायने रखता है. यह सिखों का पवित्र तीर्थ स्थल है जहां गुरुनानक देवजी ने अपने जीवन के 18 साल बिताए थे.

 

कॉरिडोर का लाभ

कॉरिडोर बनने के बाद श्रद्धालु पंजाब के गुरुदासपुर जिले से पकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब जाकर दर्शन कर सकेंगे. फिलहाल यह स्थल पाकिस्तान में भारतीय सीमा से करीब चार किलोमीटर दूर है और अभी पंजाब के गुरदासपुर में डेरा बाबा नानक बॉर्डर आउटपोस्ट से दूरबीन से श्रद्धालु इस गुरूद्वारे के दर्शन करते हैं.

 


करतारपुर साहिब के बारे में जानकारी


•    सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव ने करतारपुर साहिब में अपने जीवन के 18 साल बिताये थे.

•    श्री करतापुर साहिब गुरुद्वारे को पहला गुरुद्वारा माना जाता है जिसकी नींव श्री गुरु नानक देव जी ने रखी थी.

•    हालांकि बाद में रावी नदी में बाढ़ के कारण यह बह गया था. इसके बाद वर्तमान गुरुद्वारा महाराजा रणजीत सिंह ने बनवाया था.

•    कहा जाता है कि इस क्षेत्र का धनाड्य व्यक्ति दुनी चंद गुरुनानक से मिला था और उन्हंा 100 एकड़ जमीन दान दी थी.

•    गुरु नानक ने भेंट स्वीकार की और वहां रहकर एक छोटी इमारत का निर्माण करवाया.

•    उन्होंने यहां रहकर भूमि की जुताई भी की और खेती भी की. गुरु नानकदेव ने इसी स्थान से 'नाम जपो, किरत करो और वंड छको'  (ईश्वर का नाम लें, मेहनत करें और बांट कर खाएं) का फलसफा दिया था.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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