महाराष्ट्र सरकार ने कृषि विशेषज्ञ किशोर तिवारी की अध्यक्षता में वंसतराव नाइक शेतकारी स्वावलंबन मिशन (वीएनएसएसएम) नाम से एक टास्क फोर्ट का गठन किया था. इस टास्क फोर्स ने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस को अपनी रिपोर्ट 12 जून 2016 को सौंप दी.
कृषि मामलों का समाधान प्रदान करने के लिए नियुक्त किए गए टास्क फोर्स ने संस्थागत ऋण जाल (institutional credit net)में कम-से-कम 80 फीसदी किसानों को लाने के लिए पांच–सूत्री एजेंडे का सुझाव दिया है.
अनुशंसाओं में शामिल है–
• इस टास्क फोर्स ने विदर्भ और मराठवाड़ा के आत्महत्या की आशंका वाले 14 जिलों में फसल ऋण हेल्पलाइन शुरु करने के लिए प्रत्यक्ष कलेक्टरों का सुझाव दिया है.
• इसने गांव और तालुका स्तर पर ग्राउंड स्टाफ वाले फसल ऋण समीतियों की स्थापना का सुझाव दिया है. साथ ही सरपंच ऋण की कमी से जूझ रहे किसानों की सूची तैयार करेगा.
• इसमें कहा गया है कि तहसीलदार, प्रखंड विकास पदाधिकारी, तालुका कृषि अधिकारी और अन्य सरकारी एवं बैंक कर्मचारी के साथ स्थानीय विधायक को इस समिति का हिस्सा होना चाहिए.
• इन्हें सुधारात्मक कार्य करने के लिए इतनी शक्ति प्रदान की जानी चाहिए ताकि सुचारू फसल ऋण वितरण किया जा सके.
• सभी बैंकों को किसानों से नई फसल ऋण लेने के लिए अनुरोध करने हेतु बड़े फ्लेक्स बोर्ड लगाने चाहिए और सभी वरिष्ठ बैंक अधिकारियों, जिला कलेक्टर और वीएनएसएसएम के अध्यक्ष का संपर्क संख्या प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाना चाहिए.
• इसमें सुझाव दिया गया है कि ऋण के वितरण में जो बैंक सरकारी नियमों का पालन नहीं कर रहे उन्हें आपराधिक कार्रवाई के लिए नोटिस भेजा जाना चाहिए और आगे की कार्रवाई के लिए ऐसी बैंकों की सूची आरबीआई को भेजी जानी चाहिए.
• इसमें कहा गया है कि जिला कलेक्टर को प्रत्येक बैंक के लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करनी चाहिए जिसके लिए फसल ऋण वितरण पर रोजाना अपडेट मुहैया कराना जरूरी होगा.
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