Fifth fodder scam case: रांची की सीबीआई कोर्ट ने पांचवे चारा घोटाला मामले में राजद नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को 5 साल कैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने नेता पर 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश एस के शशि ने 15 फरवरी को लालू यादव समेत 38 आरोपियों को इस मामले में दोषी करार देते हुए सजा पर सुनवाई हेतु 21 फरवरी 2022 की तारीख तय की थी.
लालू प्रसाद यादव के बेटे और राजद नेता तेजस्वी यादव ने अदालत के फैसले के बाद कहा कि मैं अदालत के फैसले पर टिप्पणी नहीं करूंगा. यह आखिरी फैसला नहीं है. अभी उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय भी हैं. हमने इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी है और हमें उम्मीद है कि निचली अदालत का फैसला हाई कोर्ट में बदलेगा. आपको बता दें कि डोरंडा कोषागार का मामला चारा घोटाले का सबसे बड़ा मामला था.
I will not comment on the court verdict. This is not the last judgment. High Court, Supreme court are there. We've challenged it in the High court and we are hopeful that the judgment of lower court will change in High Court: RJD leader Tejashwi Yadav https://t.co/qMVqhhirkE pic.twitter.com/tKB3w8SBvw
— ANI (@ANI) February 21, 2022
चारा घोटाले में दोषी
बता दें कि लालू यादव को पहले भी चारा घोटाले से जुड़े चार मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है. इनमें फिलहाल लालू यादव बेल पर चल रहे हैं. उनको इनमें भी हाईकोर्ट से जमानत मिली थी. उनको लोअर कोर्ट या ट्रायल कोर्ट ने इसमें राहत नहीं दी थी. सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने 15 फरवरी को लालू यादव समेत अन्य आरोपियों को को 139.5 करोड़ रुपये के डोरंडा कोषागार से जुड़े चारा घोटाले में दोषी पाया था.
डोरंडा कोषागार मामले में कुल 170 आरोपी
डोरंडा कोषागार मामले में कुल 170 आरोपी बनाए गए थे. इनमें से 55 की मौत हो चुकी है और सात सरकारी गवाह बन गए थे. इसमें से 2 ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था जबकि 6 अब भी फरार हैं. आपको बता दें कि इसके बाद कुल 99 आरोपी बचे थे. इसमें से 24 को बरी कर दिया गया, जबकि 75 को दोषी करार दिया गया है.
लालू प्रसाद यादव से जुड़े कुल पांच मामले
झारखंड में चारा घोटाला में लालू प्रसाद यादव से जुड़े कुल पांच मामले हैं. उन्हें इनमें से चार मामलों में पहले से सजा मिल चुकी है और इन सभी मामलों में वे जमानत पर हैं. लालू यादव को पहले ही चाईबासा के दो मामले, देवघर और दुमका से जुड़े चारा घोटाले में झारखंड हाईकोर्ट से जमानत मिल चुकी है.
ये है मामला
ये सजा लालू यादव को 1990-95 के बीच डोरंडा ट्रेजरी से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी (illegal withdrawal) के मामले में हुई है. इसमें साल 1996 में दर्ज हुए इस केस में 170 लोग आरोपी थे. लालू यादव इससे पहले चार मामलों में सजा काट चुके हैं. वे जमानत पर बाहर थे. बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले में गबन के मामलों में पहली बार 30 जुलाई, 1997 को जेल गए और तब वे 134 दिनों तक न्यायिक हिरासत में रहे.
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