विश्व स्वास्थ्य संगठन ()WHO ने 16 जून, 2021 को यह सूचित किया है कि, COVID-19 के एक नए वैरिएंट (किस्म), लैम्ब्डा की पहचान 29 देशों, विशेष रूप से दक्षिण अमेरिका, में की गई है, जहां इसकी उत्पत्ति मानी जाती है.
WHO के अनुसार, पहली बार पेरू में पहचाने गये इस लैम्ब्डा वैरिएंट को दक्षिण अमेरिका में 'व्यापक उपस्थिति' के कारण 14 जून को ‘ग्लोबल वैरिएंट ऑफ़ इंटरेस्ट’ के तौर पर वर्गीकृत किया गया था.
COVID-19 वैरिएंट 'लैम्ब्डा': पूरे दक्षिण अमेरिका में है उपस्थिति
• पेरू में लैम्ब्डा वैरिएंट बड़े पैमाने पर फैला हुआ है, जहां अप्रैल, 2021 से अब तक 81% COVID-19 मामले इस वैरिएंट से जुड़े थे.
• चिली में, पिछले 60 दिनों में सभी सबमिट किए गए सीक्वेंसेस के 32% में इस लैम्ब्डा वैरिएंट का पता चला था और इसे केवल गामा वैरिएंट द्वारा कमतर आंका गया था, जिसे पहली बार ब्राजील में पहचाना गया था.
• दक्षिण अमेरिका के अन्य देशों जैसेकि, अर्जेंटीना और इक्वाडोर ने भी अपने देश में इस नए COVID-19 वैरिएंट के फैलने की सूचना दी है.
यह नया COVID-19 वैरिएंट कितना प्रभावी है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, लैम्ब्डा वैरिएंट्स में उत्परिवर्तन होते हैं जो संक्रमण को बढ़ा सकते हैं या एंटीबॉडी के लिए वायरस के प्रतिरोध को और मजबूत कर सकते हैं.
हालांकि, इस जिनेवा-आधारित संगठन के अनुसार, यह नया वैरिएंट कितना प्रभावी होगा, इसका प्रमाण फिलहाल बहुत सीमित है, और लैम्ब्डा वैरिएंट को बेहतर ढंग से समझने के लिए और अधिक अध्ययन किए जाने की आवश्यकता है.
'वेरिएंट ऑफ़ इंटरेस्ट' और 'वेरिएंट ऑफ़ कंसर्न' में क्या अंतर है?
वैरिएंट ऑफ़ कंसर्न के विपरीत, वैरिएंट ऑफ़ इंटरेस्ट, जो पहले दुनिया भर के अखबारों में सुर्खियाँ बटोर चुका है, स्वास्थ्य संगठनों द्वारा इस वैरिएंट की लगातार निगरानी की जाती है, लेकिन अभी तक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए यह महत्वपूर्ण खतरा साबित नहीं हुआ है.
दूसरी ओर, ‘वैरिएंट ऑफ़ कंसर्न’ वह है जिसे एक बड़े खतरे के रूप में पहचाना गया है और जिसमें तेज गति से फैलने और बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित करने की क्षमता है.
इसका सबसे हालिया उदाहरण डेल्टा वैरिएंट है, जिसे पहली बार भारत में पहचाना गया था. इसे पहली बार 11 मई, 2021 तक ‘वैरिएंट ऑफ़ इंटरेस्ट’ के तौर पर पहचाना गया था. हालांकि, दुनिया भर में इसके तेजी से प्रसार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को इसे ‘वैरिएंट ऑफ़ कंसर्न’ के तौर पर वर्गीकृत करने के लिए बाध्य कर दिया.
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