विशाखापत्तनम की निवासी स्वाति पाथेरपल्ली का 27 फरवरी 2017 को उन छह महिला अधिकारियों में चयन किया गया जो अगस्त 2017 में भारतीय नौसेना की ओर से विश्व के सफर पर निकलेंगी.
भारतीय नौसेना का यह सफर हाल ही में जलावतरण किये गये पोत आईएनएसवी तारिणी द्वारा किया जायेगा. अन्य छह महिला अधिकारियों में 20 वर्षीय लेफ्टिनेंट स्वाति पाथेरपल्ली का नाम इसलिए विशेष रूप से लिया जा रहा है क्योंकि उनका जीवन किसी के लिए भी मिसाल से कम नहीं है.
स्वाति पाथेरपल्ली बेहद गरीब परिवार से हैं तथा उनकी घरेलू परिस्थितयां विपरीत रहने के बावजूद उन्होंने नौसेना में अफसर पद हासिल किया एवं विश्व यात्रा के लिए पूरे देश के चयनित केवल छह महिला अधिकारियों में अपना नाम दर्ज किया.
विश्व अभियान
लेफ्टिनेंट स्वाति पाथेरपल्ली अन्य महिला अधिकारियों सहित 15 अगस्त 2017 को दुनिया की सैर पर जायेंगी. यह अभियान 11 महीने तक चलेगा जिस दौरान उन्हें लगभग प्रतिदिन समुद्र में ही रहना होगा. वे ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, दक्षिण अमेरिका एवं दक्षिण अफ्रीका होते हुए गोवा वापिस पहुचेंगी.
स्वाति पाथेरपल्ली
• लेफ्टिनेंट स्वाति को महिला अभियान दल का हिस्सा बनना उनके माता-पिता के लिए गौरव का क्षण है क्योंकि उनकी बेटी के लिए इस मुकाम तक पहुंचने का सफर आसान नहीं था.
• स्वाति की मां घर का गुजर-बसर करने के लिए दूसरों के घरों में काम करती थीं. उनकी एवं उनके पिता की आमदनी से वे बच्चों की पढाई का खर्च उठाते थे.
• उनके पिता नेवी डॉकयार्ड की डिफेन्स कैंटीन ने कुक थे. स्वाति अपने परिवार में अन्य दो बहनों से छोटी हैं.
• समाज की विभिन्न कुरीतियों के बावजूद स्वाति के माता-पिता ने लड़कियों को पढ़ाया एवं स्वाति को आरंभ से ही नौसेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित किया.
• स्वाति ने अपनी बड़ी बहनों लावण्या और सुवर्णा के साथ हिन्दुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड के बालवाडी केन्द्र में अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा हासिल की.
• स्वाति 12 वर्ष की आयु से ही एनसीसी के माध्यम से नौकायन से जुड़ी थीं .
• उन्होंने जनवरी 2017 में हल्की नौका महादोई से केप टू रियो रेस में भाग लिया था. इस रेस में 20 देश शामिल थे जबकि भारतीय टीम उनकी प्रतिभा की बदौलत सबसे तेज़ टीम बनी.
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