भारतीय रक्षा मंत्री ने सेना की कार्य प्रणाली तथा भविष्य की चुनौतियों के मद्देनज़र 30 अगस्त 2017 को सेना में सुधारों के पहले चरण को मंजूरी प्रदान की. सरकार ने कहा है कि सेना की मारक क्षमता को बढ़ाने के लिए यह कदम उठाये गये हैं.
रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने घोषणा की कि लेफ्टिनेंट जनरल डी. बी. शेकटकर (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में गठित समिति की कुल 99 सिफारिशों में से 2019 तक 65 सिफारिशें लागू कर दी जाएंगी.
मुख्य बिंदु
• स्वतंत्रता पश्चात् सेना में सुधार करते हुए 57,000 अधिकारियों को फिर से तैनाती पर लगाया जायेगा जिससे भारत की मारक क्षमता में वृद्धि होगी.
• युद्ध में प्रत्यक्ष रूप से भाग लेने वाले सैनिकों और उन्हें लॉजिस्टिक्स की आपूर्ति एवं अन्य मदद मुहैया कराने वाले सैनिकों के बीच के अनुपात (टूथ टू टेल रेशियो) में सुधार की घोषणा.
• सेना की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी के विकास पर बल दिया जायेगा. इसे अमेरिका और रूस जैसी महाशक्तियों की तर्ज पर विकसित किया जायेगा.
• सेना के 39 फार्म बंद करके इन स्थानों को डिफेंस एस्टेट ऑफिस के रूप में उपयोग किया जायेगा.
• राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की क्षमता में फिर से वृद्धि की जाएगी.
• भारतीय सेना में क्लर्क एवं चालक पद पर तैनात अधिकारियों के लिए भी दोबारा नियम बनाए जायेंगे तथा मानदंडों को कड़ा किया जायेगा.
• अंग्रेजी शासन काल से चले आ रहे नियमों को बदला जायेगा जिसमें सिग्नल्स एवं इंजीनियरिंग कॉर्प्स और ऑर्डनेंस इकाइयों का पुनर्गठन, कुछ इकाइयों का विलय तथा मिलिट्री फॉर्म्स को बंद करना शामिल हैं.
• सेना के रिपेयर डिपो का पुनर्गठन किया जाएगा और इनमें बेस वर्कशॉप, एडवांस बेस वर्कशाप तथा फील्ड की वर्कशाप को शामिल किया जाएगा.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation