खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय ने 1 जुलाई 2016 को भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) को मंजूरी प्रदान की.
इससे रियो ओलम्पिक में भारत की ओर से भाग ले रहे विभिन्न पैरा-खिलाड़ियों में उत्साह जगा है.
मंत्रालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एवं रिटर्निंग ऑफिसर की देख रेख में कराये गये चुनावों के पश्चात ही समिति को मान्यता प्रदान की.
पृष्ठभूमि
• भारतीय पैरालंपिक समिति को अप्रैल 2015 में आपसी मतभेदों के कारण निलंबित कर दिया गया था. इन मतभेदों के कारण भारत में पैरालंपिक खेलों के विकास पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ रहा था.
• 31 मई 2016 को अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति ने भारतीय पैरालंपिक समिति पर लगाये गये प्रतिबंध को हटाने का निर्णय लिया जिससे भारतीय पैरालंपिक खिलाड़ियों के रियो ओलंपिक में खेलने का रास्ता साफ हो गया.
• अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति ने भारतीय पैरालंपिक समिति को अंतरराष्ट्रीय संगठन द्वारा जारी किये गये निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया.
भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई)
• यह समिति भारत से राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पैरालंपिक खेलों के लिए खिलाड़ियों का चयन करती है.
• आरंभ में इसकी स्थापना वर्ष 1992 में शारीरिक रूप से विकलांग खेल संघ के रूप में की गयी थी.
• भारतीय पैरालंपिक समिति के पहले अध्यक्ष रतन सिंह थे.
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