आईडीबीआई बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक महेश कुमार जैन को 04 जून 2018 को भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) का डिप्टी गवर्नर नियुक्त किया गया. उनका कार्यकाल तीन वर्ष का होगा.
यह नियुक्ति वित्तीय क्षेत्र नियामक नियुक्ति समिति द्वारा की गई है, जिसमें आरबीआई के गवर्नर, वित्तीय सेवाओं के सचिव के अलावा अन्य स्वतंत्र सदस्य शामिल हैं. गौरतलब है कि रिज़र्व बैंक के डिप्टी गर्वनरों में से एक पद 31 जुलाई, 2017 के एस. एस. मुंद्रा के सेवानिवृत्त हो जाने के बाद से खाली था.
महेश कुमार जैन के बारे में
• महेश कुमार जैन के पास 30 वर्ष बैंकिंग क्षेत्र में काम करने का वृहद अनुभव है.
• इस पद के लिए चयनित होने तक वे मार्च 2017 से आईडीबीआई बैंक के प्रबंध निदेशक पद पर कार्यरत रहे.
• इससे पहले नवंबर 2015 में उन्हें इंडियन बैंक का प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया था.
• जैन बैंकिंग क्षेत्र की कई समितियों में भी शामिल रहे हैं जिनमें बसंत सेठ समिति प्रमुख है.
• यह समिति सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की ऑडिट प्रणाली की आंतरिक और समवर्ती समीक्षा और संशोधन के लिए गठित की गई थी.
• महेश कुमार जैन एग्ज़िम बैंक और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ बैंक मैनेजमेंट के बोर्डों पर भी कार्यरत रहे हैं.
• वे कॉमर्स में स्नातकोत्तर हैं तथा उन्होंने एमबीए एवं फाइनेंशियल रिस्क मैनेजमेंट में डिग्री प्राप्त की है.
आरबीआई में डिप्टी गवर्नर |
आरबीआई अधिनियम के अनुसार केंद्रीय बैंक में चार डिप्टी गवर्नर होने चाहिए. इनमें से दो के पास यह रैंक होगा और एक वाणिज्यिक बैंकर और एक अर्थशास्त्री होना चाहिए. अर्थशास्त्री बैंक के भीतर मुद्रा नीति विभाग का प्रमुख होता है. इस समय आरबीआई में अन्य डिप्टी गवर्नर विरल वी. आचार्य, एन.एस. विश्वनाथन और बी.पी. कानूनगो हैं. आरबीआई के डिप्टी गवर्नर को सवा दो लाख रुपये का तय मासिक वेतन और अन्य भत्ते दिए जाते हैं. |
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