आदिवासी मामलों के केंद्रीय मंत्री जोएल ओराम ने स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए ‘स्तनपान सुरक्षा’ मोबाइल ऐप जारी किया. इसके जरिये कोई भी व्यक्ति स्तनपान के बारे में काउंसलर से जानकारी ले सकता है और साथ ही खुद इस अभियान में सहयोग के लिए रजिस्टर भी कर सकता है. इसका एक अहम मकसद शिशु आहर संबंधी कानूनों के उल्लंघन को रोकना भी है.
ब्रेस्टफीडिंग सपोर्ट फॉर इंडियन मदर्स की ओर से किए गए इस सर्वे में यह भी पता चला है कि स्वास्थ्यकर्मी अक्सर महिलाओं में यह संदेह पैदा कर देते हैं कि उनका दूध कम बन रहा है. ऐसे में माताओं में आत्मविश्वास की कमी हो जाती है और वे बाहरी दूध का सहारा लेने लगती हैं.
कानूनन प्रतिबंध के बावजूद बेबी फूड बनाने और बेचने वाली कंपनियां तरह-तरह से इसे बढ़ावा देने वाली गतिविधियां कर रही हैं.
इस ऐप के जरिये कोई भी व्यक्ति ऐसे मामलों की तस्वीर और संबंधित सूचना दे सकता है.

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