चुनाव आयोग द्वारा 27 सितम्बर 2018 को जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि किसी भी विधानसभा के समय से पहले भंग हो जाने पर राज्य में तत्काल प्रभाव से आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी और यह नई सरकार के गठन तक जारी रहेगी.
भारतीय निर्वाचन आयोग द्वारा चुनावों के दौरान लागू की जाने वाली आचार संहिता को लेकर एक बड़ा फैसला है. इस आचार सहिंता में राज्य की कार्यवाहक सरकार नयी येाजनाओं की घोषणा नहीं कर सकती है.
मुख्य तथ्य:
• चुनाव आयोग ने कैबिनेट सचिव और सभी राज्यों के प्रमुख सचिवों को पत्र लिखकर कहा है कि अब समयपूर्व लोकसभा और राज्यों की विधानसभाएं भंग होने की स्थिति में चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू कर दी जाएगी.
• कुछ सप्ताह पहले तेलंगाना में विधानसभा को निर्धारित कार्यकाल (जून 2019) पूरा होने से पहले ही भंग किए जाने के परिप्रेक्ष्य में आयोग का यह निर्णय महत्वपूर्ण है. इसके तहत तेलंगाना में भी आयोग द्वारा यह स्थिति स्पष्ट किये जाने के साथ ही आचार संहिता लागू मानी जायेगी.
• आयोग ने आचार संहिता के प्रावाधानों का हवाला देते हुये कहा है कि इस तरह की स्थिति में संहिता के भाग सात के अनुसार राज्य में विधानसभा भंग होने के साथ ही आचार संहिता प्रभावी हो जाती है और चुनाव प्रक्रिया पूरी होने तक लागू रहती है. ऐसे समय में राज्य की कार्यवाहक सरकार और केन्द्र सरकार संबद्ध राज्य के जुड़ी कोई नयी परियोजना की घोषणा नहीं कर सकेगी.
• आयोग ने कहा कि यह व्यवस्था सुप्रीम कोर्ट के 1994 के उस फैसले के अनुरूप है जिसमें कार्यवाहक सरकार को सिर्फ सामान्य कामकाज करने का अधिकार होने का स्पष्ट प्रावधान किया गया है. ऐसी स्थिति में कार्यवाहक सरकार कोई नीतिगत फैसला नहीं कर सकती है.
• आयोग ने स्पष्ट किया कि ऐसे में गैर आधिकारिक उद्देश्यों के लिये आधिकारिक संसाधनों का इस्तेमाल सहित अन्य प्रतिबंध कार्यवाहक सरकार और केन्द्र सरकार के मंत्रियों एवं अन्य अधिकारियों पर बाध्यकारी होंगे.
आचार संहिता:
गौरतलब है कि सामान्य परिस्थितियों में आयोग द्वारा चुनाव की तिथियां घोषित किए जाने के बाद आचार संहिता लागू होती है.
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