14 मई 2016 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरीसेना के साथ उज्जैन के निनोरा गांव में 'सिंहस्थ घोषणा' जारी किया.
दोनों ही नेताओं ने एक माह तक चले सिंहस्थ मेले के 3 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय स्नान महाकुंभ के समापन सत्र को संबोधित किया. श्रीलंका के राष्ट्रपति सिरीसेना 13 मई से 15 मई 2016 तक दो दिनों के भारत दौरे पर थे.
इस घोषणा में मानवजाति की भलाई के लिए 51 पवित्र स्थानों को शामिल किया गया और ये पवित्र स्थान भारत एवं विश्व में नई बहस को शुरु करेंगे.
घोषणा की मुख्य बातें
• कर्तव्य केंद्रित प्रणाली कैसे भारतीय जीवन दर्शन का मूल बना और आज के भारत में यह कितना प्रासंगिक है, विषय पर यह घोषणा आधारित है.
• देश एवं विदेश से आए संन्यासी और संत, विद्वान और विषय के विशेषज्ञों ने 'विचार महाकुंभ' के सत्रों में कई अलग– अलग मुद्दों पर चर्चा की.
• स्वच्छता, सतत विकास और जलवायु परिवर्तन, जीवन मूल्यों, शांति, कृषि एवं कुटीर उद्योग पर सत्र आयोजित किए गए.
इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने संतों और भक्तों से प्रत्येक वर्ष विचार कुंभ आयोजित करने एवं पौधे लगाने की आवश्यकता या बालिकाओं को शिक्षित करने जैसे मुद्दों पर चर्चा करने की अपील की.कुंभ का आयोजन उत्कृष्ट प्रबंधन का सबसे बड़ा उदाहरण है, उन्होंने अकादमिक संस्थानों से कुंभ को केस स्टडी के तौर पर अपनाने की सलाह दी.
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