Monkeypox: मंकीपॉक्स का खतरा विश्वभर में बढ़ता जा रहा है. ये वायरस अब तक 29 देशों में फैल चुका है. इसके साथ ही 1000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए चेतावनी जारी की है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा है कि वायरस का खतरा बढ़ गया है. उनके अनुसार अब ये ऐसे देशों में फैल रहा है जहां इसके पहले कभी मामले नहीं मिले थे. मंकीपॉक्स के बढ़ते केस को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) सहित विश्वभर के बड़े स्वास्थ्य संगठनों ने चिंता जताई है.
Monkeypox outbreak: चिंता का विषय
यह वायरस इस समय चिंता का विषय बना हुआ है. हालांकि भारत में अभी तक इसके केस देखने को नहीं मिले. लेकिन फिर भी भारत विदेश से आने वाले हर नागरिक की निगरानी कर रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन प्रभावित देशों से प्रकोप को नियंत्रित करने एवं आगे इससे फैलने से रोकने हेतु सभी मामलों एवं संपर्कों की पहचान करने का आग्रह करता है.
Monkeypox in India: प्रसार को रोकने हेतु ठोस कदम
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस बीमारी के आगे प्रसार को रोकने पर जोर देते हुए कहा कि अब तक कोई मौत नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि गैर-स्थानिक देशों में मंकीपॉक्स स्थापित होने का जोखिम वास्तविक है.
डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने कहा कि लक्षण वाले लोगों को घर पर रहना चाहिए तथा संक्रमित लोगों के साथ घर साझा करने वालों को सीधे संपर्क से बचना चाहिए.
Monkeypox Symptoms: जारी होगी गाइडलाइन
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस के मुताबिक आने वाले दिनों में, एजेंसी संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण, टीकाकरण तथा सामुदायिक सुरक्षा को लेकर गाइडलाइन जारी करेगी.
Monkeypox Treatment: बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन की जरूरत
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि गैर- स्थानीय देशों में मंकीपॉक्स स्थायी तौर पर स्थापित हो सकता है. इसका खतरा काफी ज्यादा है. उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन (monkeypox vaccination) की आवश्यक है, क्योंकि यह बीमारी अब तक 29 देशों में फैल चुकी है.
Monkeypox Vaccine: मंकीपॉक्स क्या है?
डब्ल्यूएचओ के अनुसार मंकीपॉक्स (Monkeypox) आमतौर पर एक स्व-सीमित बीमारी है. यह बीमारी मुख्य रूप से 2 से 4 सप्ताह तक रहती है. बता दें यह चेचक वायरस परिवार का ही एक वायरस है. यह वायरस त्वचा को प्रभावित करता है. मंकीपॉक्स पहली बार साल 1958 में एक शोध के लिए गए बंदरों में देखा गया था. वहीं इस वायरस की पुष्टि इंसान में पहली बार साल 1970 में हुई थी. इस वायरस के दो मुख्य स्ट्रेन-पश्चिम अफ्रीकी एवं मध्य अफ्रीकी हैं.
Monkeypox death rate: मंकीपॉक्स के लक्षण
मंकीपॉक्स संक्रमण के लक्षणों की बात करें तो इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, सूजन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सुस्ती, खुजली वाले दाने होते हैं. मंकीपॉक्स वायरस का संक्रमण सबसे पहले चेहरे से शुरू होता है. यह इसके बाद धीरे-धीरे पूरे शरीर पर फैल सकता है. संक्रमण आमतौर पर 14 से 21 दिन तक रहता है.
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