हाल ही में वर्ष 2017 हेतु भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिए जाने वाले 'नारी शक्ति पुरस्कारों' की घोषणा की गयी. इन पुरस्कारों में जहां राजस्थान को राज्य में बाल लिंगानुपात में वृद्धि के लिए यह पुरस्कार दिया जाएगा, वहीं आगरा की पल्लवी फौजदार, उत्तराखंड की दिव्या रावत तथा दिल्ली की कमल डागर सहित 33 महिलाओं को विभिन्न कारणों हेतु यह पुरस्कार दिया जायेगा.
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 8 मार्च 2017 को राष्ट्रपति भवन में चयनित महिलाओं को सम्मानित करेंगे.
पल्लवी फौजदार:
आगरा की पल्लवी फौजदार (36 वर्षीय) माउंट एवरेस्ट पर 18,774 फुट ऊंचाई तक बुलेट चलाकर ले जाने वाली देश की पहली महिला बनीं. इस उपलब्धि के कारण उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है.
वर्ष 2015 जुलाई में पल्लवी ने दिल्ली के इंडिया गेट से लेह लद्दाख का सफर आरंभ किया. लगभग 4,000 किलोमीटर का सफर उन्होंने 18 दिन में पूरा किया. इस दौरान वे लाचंगलुंग ला, तंगलांग ला, खार्दुंग ला, वारी ला, चांग्ला ला, मरसिमिक ला, सताथो ला, काकसंग ला से होकर गुजरीं. सितंबर 2015 में उन्होंने 18774 फुट ऊंचाई पर स्थित माना पास (डुंगरीला) पर पहुंचकर यह सफर पूरा किया.
एसिड अटैक पीड़ित युवतियों द्वारा संचालित शीरोज़ हैंगआऊट कैफे:
आगरा में एसिड अटैक पीड़ित युवतियों द्वारा चलाये जा रहे शीरोज हैंगआऊट कैफे को नारी शक्ति पुरस्कार के लिए चयनित किया गया. इन सभी युवतियों ने साथ मिलकर शीरोज़ हैंगआऊट कैफे आरंभ किया था. इस कैफे की विशेषता है कि यहां खाने-पीने के बाद किसी तरह का बिल नहीं दिया जाता. लोग अपनी स्वेच्छा से जो देना चाहें दे सकते हैं.
इसे चलाने वाली पांच एसिड अटैक पीड़िता हैं - रूपा, गीता, नीतू, रुकया और मधु. कैफे को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नारी शक्ति पुरस्कार हेतु चयनित किया गया है.
राजस्थान सरकार:
राजस्थान सरकार को वर्ष 2016 का नारी शक्ति पुरस्कार प्रदान किया जायेगा. यह पुरस्कार राज्य में बाल लिंगानुपात में वृद्धि के लिए दिया जाएगा. राजस्थान सरकार की ओर से महिला एवं बाल विकास मंत्री अनीता भदेल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से पुरस्कार प्राप्त करेंगी.
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार राजस्थान को यह पुरस्कार बाल लिंगानुपात में बढ़ोतरी हेतु दिया जा रहा है. राजस्थान में वर्ष 2011 में लिंगानुपात 888 था जो वर्ष 2015 में बढ़कर 929 हो गया. वर्ष 2016 में यह 942 हो गया. पी.सी.पी.एन.डी.टी. कानून के प्रभावी क्रियान्वयन के फलस्वरूप यह उपलब्धि हासिल हुई है.
आइसे कोहलर रॉलफसन:
राजस्थान के पाली जिले में लोकहित पशुपालक संस्थान चला रहीं आइसे कोहलर रॉलफसन को आदिम जाति रायका के उत्थान तथा ऊंटों के संरक्षण हेतु सराहनीय कार्य करने के लिए सम्मानित किया जायेगा. जयपुर की दीपा माथुर को भी इस समारोह में पुरस्कार प्रदान किया जायेगा.
दिव्या रावत:
उत्तराखंड की दिव्या रावत को नारी शक्ति पुरस्कार 2016 हेतु चयनित किया गया है. चमोली जिले के कोट कंडारा गांव सेमशरूम क्रांति द्वारा अपने अभियान की शुरूआत करने वाली दिव्या ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़ाने और रिवर्स माइग्रेशन को गति देने का प्रयास कर रही हैं. उनके इन्हीं प्रयासों के कारण महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्रालय ने उनका चयन नारी शक्ति पुरस्कार के लिए किया.
सुनीता चौकन:
सुनीता चौकन राजस्थान के रेवाड़ी जिले की निवासी हैं. उन्होंने अपने सामाजिक तथा साहसिक कार्यों के कारण राज्य में प्रशंसा प्राप्त की. वे गुर्जर समाज की पहली महिला हैं जिन्होंने माउंट एवरेस्ट पर सफलतापूर्वक चढ़ाई की. उन्हें राज्य सरकार द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का राज्य ब्रांड एम्बेसडर भी नियुक्त किया गया.
कमल डागर:
दिल्ली की निवासी कमल डागर को विलुप्त कला को पुनः जीवंत करने के लिए किये जा रहे प्रयासों हेतु चयनित किया गया. उन्हें कैलीग्राफी को उसके पारंपरिक रूप से स्थापित करने के लिए किये जा रहे कार्यों के चलते चुना गया. इसके अतिरिक्त वे शास्त्रीय संगीत क्षेत्र से भी जुड़ी हैं. वे हिंदी और उर्दू लिपियों को जोड़कर लिखती हैं.
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