नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने 21 नवंबर 2017 को मंगल ग्रह मिशन 2020 हेतु सुपरसोनिक पैराशूट का सफल परीक्षण किया. आवाज की गति से तेज़ चलने वाले सुपरसॉनिक पैराशूट को वर्ष 2020 के रोवर आधारित मंगल ग्रह मिशन में प्रयोग करने के उद्देश्य से टेस्ट किया गया.
नासा द्वारा मंगल ग्रह के लिए भेजे जाने वाले मिशन की तैयारी हेतु एक वीडियो भी जारी किया जिसे इन्टरनेट पर देखा जा सकता है. इस वीडियो में पैराशूट को आवाज की गति से भी तेज गति से खुलते हुए देखा जा सकता है.
मंगल ग्रह मिशन 2020 के बारे में
• यह मिशन 5.4 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से मंगल के वातावरण में प्रवेश करेगा.
• यह पैराशूट अंतरिक्षयान की गति को धीमा करने में सहायता करेगा.
• मंगल 2020 मिशन के तहत वहां मौजूद प्रमाणों की जांच कर मंगल ग्रह पर प्राचीन जीवन के संकेतों की खोज करने का प्रयास किया जाएगा.
• मिशन की पैराशूट परीक्षण सीरीज एडवांस्ड सुपरसोनिक पैराशूट इन्फ्लेशन रिसर्च एक्सपेरिमेंट (एस्पायर) पिछले महीने अमेरिका की नासा स्पेस फ्लाइट सेंटर से एक रॉकेट प्रक्षेपण एवं ऊपरी वायुमंडल विमान प्रक्षेपण के साथ आरंभ हुई थी.
• एस्पायर का अगला परीक्षण फरवरी 2018 हेतु प्रस्तावित है. नासा की टीम इन परीक्षणों का डाटा एकत्रित करके ही मिशन को अंतिम रूप देगी.
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नासा के बारे में
नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार की शाखा है जो देश के सार्वजनिक अंतरिक्ष कार्यक्रमों व एरोनॉटिक्स व एरोस्पेस संशोधन के लिए उत्तरदायी है. नासा का गठन नैशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस अधिनियम के अंतर्गत 19 जुलाई 1948 में इसके पूर्वाधिकारी संस्था, नैशनल एडवाइज़री कमिटी फॉर एरोनॉटिक्स (एनसीए) के स्थान पर किया गया था. इस संस्था ने 01 अक्टूबर 1948 से कार्य करना शुरू किया.
फ़रवरी 2006 से नासा का लक्ष्य वाक्य "भविष्य में अंतरिक्ष अन्वेषण, वैज्ञानिक खोज और एरोनॉटिक्स संशोधन को बढ़ाना" रखा गया. 14 सितंबर 2011 में नासा ने घोषणा की कि उन्होंने एक नए स्पेस लॉन्च सिस्टम के डिज़ाइन का चुनाव किया है जिसके चलते संस्था के अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में और दूर तक सफर करने में सक्षम होंगे और अमेरिका द्वारा मानव अंतरिक्ष अन्वेषण में एक नया कदम साबित होंगे.
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