अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मंगल ग्रह की संरचना को गहराई से समझने के अपने महत्वपूर्ण मिशन के तहत एक और सफल कदम बढ़ाते हुए दो मिनी सेटेलाइटों के साथ ‘इनसाइट’ यान का प्रक्षेपण किया. यह यान इस वर्ष नवंबर में मंगल की सतह पर उतरेगा.
एटलस-पांच रॉकेट के माध्यम से इस यान का कैलिफोर्निया के वैंडनबर्ग एयर फोर्स स्टेशन से सफल प्रक्षेपण किया गया. नासा के अध्यक्ष जिम ब्रिडेंस्टाइन ने वैज्ञानिकों की टीम को बधाई दी तथा बयान जारी किया कि इस यान के प्रक्षेपण से मंगल के बारे में नयी और सटीक जानकारियां मिलेंगी.
इनसाइट मिशन (Insight mission) की विशेषताएं
• यह यान मंगल के तापमान का पता लगाने के लिए इसकी सतह पर करीब 16 फुट तक खुदाई करेगा.
• इनसाइट में अति-संवेदनशील सेस्मोमीटर लगा है जो यह पता लगाने की कोशिश करेगा कि मंगल पर भूकंप की क्या स्थिति है.
• इस अभियान की विशेषता यह है कि इसमें एक रोबोटिक जियोलॉजिस्ट (रोबोट भूविज्ञानी) भी भेजा गया है और यही मंगल की सतह पर गहरी खुदाई करके सतह पर होने वाले कंपनों को मापेगा.
• यह यान विशेष रूप से मंगल की आंतरिक संरचना की गहराई से अध्ययन करेगा.
• इसके अलावा मंगल की आतंरिक खोज के लिए कई तरह के संवदेनशील उपकरण लगाए गए हैं.
• इस अभियान से यह जांच करना संभव होगा कि ग्रह के आंतरिक भाग से कितनी गर्मी का प्रवाह हो रहा है.
• वैज्ञानिकों का अनुमान मंगल ग्रह की भूमध्य रेखा के पास दिन का ग्रीष्मकालीन तापमान 70 डिग्री फोरेनहाइट (20 डिग्री सेल्सियस) तक पहुंच सकता है, लेकिन फिर रात से -100 फोरेनहाइट (-73 सेल्सियस) तक पहुंच जाता है.
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान द्वारा अन्तरिक्ष कार्यक्रम आरंभ किये जाने की घोषणा
टिप्पणी
मंगल ग्रह का गहराई से अध्ययन करने से यह पता लग सकेगा कि इसकी बाहरी परतें और आतंरिक भाग किस तरह पृथ्वी से अलग हैं. यूरोपीय देशों का भी इस अभियान में पूरा सहयोग है. नासा मंगल ग्रह से पर्दा उठाने के लिए कई रोवर भेज चुकी है. उसने वर्ष 2003 में ‘अपॉरच्युनिटी’ और वर्ष 2011 में ‘क्यूरियोसिटी’ रोवर मंगल पर भेजा था.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation