व्यास सम्मान 2019: प्रसिद्ध लेखिका नासिरा शर्मा को साल 2019 के ‘व्यास सम्मान’ के लिए चुना गया है. नासिरा शर्मा को साल 2014 में प्रकाशित उनके उपन्यास ‘कागज की नाव’ के लिए वर्ष 2019 का व्यास सम्मान दिया जाएगा.
यह सम्मान हरेक साल भारतीय भाषाओं के लेखक तथा कवि को दिया जाता है. यह निर्णय हिन्दी साहित्य के प्रसिद्ध विद्वान डॉ. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने किया. चयन समिति में प्रो. रामजी तिवारी, ममता कालिया, प्रो. राजेन्द्र गौतम, अरुणा गुप्ता और सुरेश रितुपर्ण शामिल हैं.
पहला व्यास सम्मान
प्रसिद्ध आलोचक डॉ. रामविलास शर्मा को साल 1991 में पहला व्यास सम्मान मिला था. यह पुरस्कार साल 2018 के लिए चर्चित कवि लीलाधरी जगूड़ी को दिया गया था. कवि लीलाधरी जगूड़ी को यह सम्मान साल 2013 में प्रकाशित उनके कविता संग्रह 'जितने लोग उतने प्रेम' के लिए दिया गया था.
व्यास सम्मान के बारे में
भारतीय साहित्य में किये गये योगदान हेतु व्यास सम्मान दिया जाता है. यह सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार के बाद दूसरा सबसे बड़ा साहित्य-सम्मान है. के. के. बिड़ला फाउंडेशन ने इस पुरस्कार को साल 1991 में शुरू किया था. रामविलास शर्मा को पहला व्यास सम्मान उनकी कृति 'भारत के प्राचीन भाषा परिवार और हिन्दी' के लिए दिया गया था.
यह सम्मान पिछले दस वर्षों में प्रकाशित कृति पर लेखक को दिया जाता है. इस पुरस्कार के तहत चार लाख रुपये की राशि, प्रशस्ति पत्र तथा एक प्रतीक चिह्न दिया जाता है.
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नासिरा शर्मा के बारे में
• नासिरा शर्मा का जन्म 22 अगस्त 1948 को इलाहाबाद में हुआ था. उन्होंने फारसी भाषा एवं साहित्य में एम. ए. किया.
• नासिरा शर्मा हिन्दी की एक प्रसिद्ध लेखिका हैं. उन्होंने सृजनात्मक लेखन के साथ ही स्वतन्त्र पत्रकारिता में भी उल्लेखनीय कार्य किया है.
• वे ईरानी समाज और राजनीति के अलावा साहित्य कला एवं सांस्कृतिक विषयों की विशेषज्ञ हैं. उन्हें उर्दू, अंग्रेज़ी और पश्तो भाषा पर भी अच्छी पकड़ है.
• उन्होंने औरत के लिए 'औरत' नामक पुस्तक लिखी जिसमें कामगार स्त्रियों के संदर्भ में लिखा है. वे निम्नवर्गीय तथा कामकाजी औरतों की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करती रहती हैं.
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