केंद्र सरकार ने हाल ही में महत्वाकांक्षीय राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन की शुरुआत की है. केंद्र सरकार इस मिशन के तहत आगामी वर्षों में सात लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगा. इस मिशन के अंतर्गत देशभर खासकर ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में सार्वभौमिक एवं समानता के आधार पर ब्रॉडबैंड पहुंच उपलब्ध करायी जायेगी.
केंद्रीय संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने इस मिशन का शुभारंभ किया. इसके अंतर्गत मोबाइल और इंटरनेट की सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने का भी लक्ष्य रखा गया है. देश में टावरों की संख्या में भी बढ़ोतरी करने कि बात कही गई है.
मिशन का उद्देश्य
इस मिशन का विजन डिजिटल संचार ढांचे का त्वरित विकास, डिजिटल अंतर को समाप्त करना, डिजिटल सशक्तिकरण तथा समावेश पर आधारित है. मिशन का उद्देश्य सभी नागरिकों हेतु किफायती तथा सार्वभौमिक ब्रॉडबैंड सेवा प्रदान करना है. मिशन का उद्देश्य तीन सिद्धांतों पर आधारित है:- (i) सभी के लिए उपलब्धता (ii) गुणवता युक्त सेवा (iii) किफायती सेवा.
राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन का महत्व के बारे में
नेशनल ब्रॉडबैंड मिशन, नेशनल डिजिटल कम्युनिकेशंस पॉलिसी, 2018 का हिस्सा है. इस परियोजना का उद्देश्य देश में डिजिटल संचार और डिजिटल बुनियादी ढाँचे को तीव्र गति प्रदान करना है. सरकार के अनुसार मिशन के तहत देशभर, विशेषरूप से ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में सार्वभौमिक और समानता के आधार पर ब्रॉडबैंड पहुंच उपलब्ध कराई जाएगी.
पूरे देश हेतु डिजिटल फाइबर मानचित्र तैयार किया जाएगा. इसमें संचार नेटवर्क व अवसंरचना, आप्टिक फाइबर केबल, टावर आदि को शामिल किया जाएगा. इससे पहले, भारतनेट मिशन के माध्यम से 1,42,000 गांवों तक ब्रॉडबैंड सेवाएं पहुंचाई गई थीं.
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राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन
• इस मिशन के तहत 30 लाख किलोमीटर का अतिरिक्त ऑप्टिकल फाइबर केबल मार्ग बिछाया जायेगा.
• साथ ही साल 2024 तक टावर का घनत्व भी 0.42 से बढ़ाकर एक टावर प्रति हजार आबादी किया जाएगा.
• राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन का उल्लेख पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 15 अगस्त को लाल किले से अपने भाषण में किया था.
• इस मिशन के तहत टावरों का ‘फाइबराइजेशन' बढ़कर 70 प्रतिशत तक हो जायेगा, जो अभी 30 प्रतिशत है.
• इस मिशन के द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्यमिता और विकास के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी ढांचे को मजबूत किया जा सकेगा.
• यूनिवर्सल सर्विस आब्लिगेशन फंड (यूएसओएफ) से 10 प्रतिशत फंड की व्यवस्था करेगा और शेष राशि उद्योग और अन्य हितधारकों द्वारा निवेश की जाएगी.
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