केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने 28 सितम्बर 2017 को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के 13वें स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन किया. इस वर्ष के स्थापना दिवस समारोह का थीम है- ‘स्कूल संरक्षा’.
गृहमंत्री ने कहा कि अपने 13 वर्षों के कार्यकाल में एनडीएमए ने लंबी यात्रा की है. इसने पूरे विश्व में भारत की विश्वसनीयता स्थापित की है. इसके पहले आपदा प्रबंधन को लेकर कोई संस्थागत संरचना नहीं थी, लेकिन एनडीएमए के गठन के पश्चात सिर्फ आपदा प्रबंधन के लिए ही नहीं बल्कि आपदा जोखिम को कम करने के लिए भी एक तंत्र विकसित किया गया है. एनडीएमए ने आपदा प्रबंधन की क्षमताओं का बढ़ाने के लिए बेहतर कार्य किया.
चीन ने स्टेल्थ जे-20 जेट को वायुसेना में शामिल किया
जब मानवता से जुड़ी कोई समस्या होती है तो सभी देश परस्पर सहयोग करते हैं. देशों के मध्य कुछ विषयों पर मतभेद हो सकते हैं, परंतु जब विश्व में कोई आपदा होती है, तो हम सभी एक साथ खड़े होते हैं. भारत ने वर्ष 2014 में नेपाल में आए भूकम्प में राहत के लिए सहायता प्रदान की थी और इसी प्रकार एनडीआरएफ टीम को मदद के लिए जापान भेजा गया था. आपदा प्रबंधन के लिए कानूनी और संस्थागत प्रणालियों को मजबूत बनाया जाना चाहिए.
आपदाओं के कारण जीडीपी में 2 प्रतिशत का नुकसान होता है. आपदाओं के प्रबंधन को लेकर मूलभूत बदलाव हुआ है. पहले यह राहत पर केंद्रीकृत था, जो अब आपदाओं के सम्पूर्ण प्रबंधन पर आधारित हो गया है. आपदाओं के कारण बड़ी संख्या में स्कूलों की आधारभूत संरचनाएं नष्ट हो जाती है और इससे शिक्षा व्यवस्था भी प्रभावित होती है. बच्चे असुरक्षित हो जाते हैं इसलिए उन्हें विशेष देखभाल और ध्यान दिया जाना चाहिए.
स्कूल की शिक्षा जमीनी स्तर पर नियमों को लागू किया जाना बहुत महत्वपूर्ण है. विभाग एनडीएमए को स्कूल संरक्षा के मामले में हर संभव सहयोग प्रदान करेगा. भारत ने नवम्बर 2016 में नई दिल्ली में पहले एशियन कॉंफ्रेंस फोर डिजास्टर रिस्क रिडक्शन (एएमसीडीआरआर) की मेजबानी की. भारत 10 अक्टूबर से 13 अक्टूबर 2017 तक पहले बिम्सटेक आपदा प्रबंधन 2017 का आयोजन करेगा. भूकंप और भूस्खलन के प्रभाव को कम करने के लिए एक व्यापक योजना भी बनाई जा रही है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation