हिमाचल प्रदेश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (New Education Policy-2020) को लागू कर दी गई है. हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल से 08 सितम्बर 2020 को मंजूरी मिलते ही शिक्षा सचिव ने इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी है. इसे सफलतापूर्वक लागू करने के लिए 43 सदस्यों की टास्क फोर्स का गठन किया गया है.
हिमाचल प्रदेश की जयराम सरकार ने तत्काल प्रभाव से नई शिक्षा नीति को लागू कर दिया है. हिमाचल प्रदेश सरकार ने नई शिक्षा नीति लागू होने के साथ ही 43 सदस्यों की टास्क फोर्स के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर को दी है.
National Education Policy, 2020 to be implemented in the state with immediate effect: Government of Himachal Pradesh
— ANI (@ANI) September 8, 2020
मुख्य बिंदु
• हिमाचल प्रदेश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लागू होने के बाद यहां शिक्षा में कई अहम बदलाव देखने को मिलेंगे जिसके तहत पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न में भी बदलाव देखे जा सकते हैं.
• इस मामले में अधिक जानकारी देते हुए शिक्षा सचिव राजीव शर्मा ने बताया है कि इस टास्क फोर्स ने शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीकी शिक्षा, वित्त, युवा और खेल सेवाओं को शामिल किया है.
• बता दें कि 34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव हुए हैं. 34 साल पहले यानी 1986 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई गई थी. लगभग तीन दशक से इसमें कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है. इसकी समीक्षा के लिए साल 1990 और साल 1993 में कमेटियां भी बनाई गईं थीं.
• नई शिक्षा नीति में रोजगार चाहने वालों के स्थान पर रोजगार प्रदाताओं पर ध्यान केन्द्रित किया गया है और यह नीति विद्यार्थियों को रटने की आदत से समीक्षात्मक सोच की ओर अग्रसर करेगी. इस नीति में नए पाठ्यक्रम ढांचे की अवधारणा भी की गई हैं.
43 सदस्यों की टास्क फोर्स का गठन
शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर टास्क फोर्स के अध्यक्ष बनाए गए हैं. इसके अतिरिक्त समग्र शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक को बतौर सदस्य सचिव नियुक्त किया गया है. इसके साथ ही टास्क फोर्स में विभिन्न विभागों के सचिव, विश्वविद्यालयों के कुलपति और स्कूल व कॉलेजों के शिक्षकों को सदस्य के रूप में शामिल किया है.
टास्क फोर्स ने शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीकी शिक्षा, स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष और हायर एजूकेशन काउंसिल के अध्यक्ष, एचपीयू के अलावा क्लस्टर यूनिवर्सिटी मंडी, तकनीकी यूनिवर्सिटी हमीरपुर के कुलपति, उच्च शिक्षा निदेशक, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक, एससीईआरटी सोलन और डाइट शिमला के प्रिंसिपल भी सदस्य होंगे. इसके अलावा कुछ अन्य लोग मनोनीत किए गए हैं. मनोनीत सदस्यों में केंद्रीय विवि धर्मशाला के कुलपति सहित कई शिक्षकों और शिक्षाविदों को शामिल किया है.
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